कार्यवाहक प्रधानाचार्यो के भरोसे चल रहे राजकीय विद्यालय
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : माध्यमिक शिक्षा में सरकार की शीर्ष प्राथमिकता वाले राजकीय विद्यालय बदहाल स्थिति से गुजर रहे हैं। गोरखपुर मंडल के चार जिलों में मात्र एक राजकीय इंटर कॉलेज में ही प्रधानाचार्य का तैनाती है, जबकि अन्य जिलों के विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्य के भरोसे काम चल रहा है। पूर्णकालिक प्रधानाचार्य न होने से होने वाली दिक्कतों को लेकर समय-समय पर शासन को अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका।1जनपद में हैं छह विद्यालय : गोरखपुर जिले में राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज, राजकीय एडी कन्या इंटर कॉलेज, चंपा देवी राजकीय कन्या इंटर कॉलेज हरनही, खजनी, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, बांसगांव, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, सरदारनगर व अभिनव विद्यालय नतवर बाजार, कैंपियरगंज बिना पूर्णकालिक प्रधानाचार्य के संचालित हो रहा है। 1एडी कन्या इंटर कॉलेज एवं राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में आमतौर पर पूर्णकालिक प्रधानाचार्य तैनात होते रहे हैं, लेकिन काफी दिनों से यहां भी कार्यवाहक के भरोसे काम चल रहा है।1जागरण संवाददाता, गोरखपुर : माध्यमिक शिक्षा में सरकार की शीर्ष प्राथमिकता वाले राजकीय विद्यालय बदहाल स्थिति से गुजर रहे हैं। गोरखपुर मंडल के चार जिलों में मात्र एक राजकीय इंटर कॉलेज में ही प्रधानाचार्य का तैनाती है, जबकि अन्य जिलों के विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्य के भरोसे काम चल रहा है। पूर्णकालिक प्रधानाचार्य न होने से होने वाली दिक्कतों को लेकर समय-समय पर शासन को अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका।1जनपद में हैं छह विद्यालय : गोरखपुर जिले में राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज, राजकीय एडी कन्या इंटर कॉलेज, चंपा देवी राजकीय कन्या इंटर कॉलेज हरनही, खजनी, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, बांसगांव, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, सरदारनगर व अभिनव विद्यालय नतवर बाजार, कैंपियरगंज बिना पूर्णकालिक प्रधानाचार्य के संचालित हो रहा है। 1एडी कन्या इंटर कॉलेज एवं राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में आमतौर पर पूर्णकालिक प्रधानाचार्य तैनात होते रहे हैं, लेकिन काफी दिनों से यहां भी कार्यवाहक के भरोसे काम चल रहा है।1प्रधानाचार्य तैनात न होने के पीछे क्या हैं कारण1प्रधानाचार्य न होने की बात समय-समय पर शासन तक पहुंचाई जाती है लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रोन्नति रुके होने के कारण प्रधानाचार्य के पदों को नहीं भरा जा सका है। राजकीय विद्यालयों में पदोन्नति से भी प्रधानाचार्य के पद भरने का प्रावधान है। विभिन्न कारणों से रुकी पदोन्नति की प्रक्रिया के कारण विद्यालयों का बेहतर संचालन प्रभावित हो रहा है।1राजकीय विद्यालयों में पूर्णकालिक प्रधानाचार्य का होना महत्वपूर्ण है। इस संबंध में शासन को अवगत कराया गया है। 1योगेंद्र नाथ सिंह, संयुक्त शिक्षा निदेशक