लखनऊ : विशिष्ट बीटीसी के ओवरएज प्रशिक्षुओं को कई जिले में नहीं दे रहे तैनाती
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में सैकड़ों अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र विभिन्न कारणों से फंसे हैं। अफसरों की मनमानी के कारण शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता पूरी करने के बावजूद योग्य अभ्यर्थी ठोकरें खाने को विवश हैं।.
सबसे गंभीर मसला अन्य राज्यों से डीएलएड करने वालों का है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियम के अनुसार 12वीं के बाद डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) किया जा सकता है। हालांकि उत्तर प्रदेश में स्नातक के बाद डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) का प्रावधान है।.
बेसिक शिक्षा विभाग ने नियमावली में संशोधन करते हुए एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार अन्य राज्यों से डीएलएड करने वालों को भी मौका दिया था। लेकिन बागपत समेत कुछ जिलों में उनके नियुक्ति पत्र रोक दिए गए जिन्होंने डीएलएड के बाद स्नातक किया है। विशिष्ट बीटीसी करने वाले 40 साल से अधिक उम्र के अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र भी प्रयागराज, बस्ती व चंदौली में नहीं दिए जा रहे। गौरतलब है कि 68500 परीक्षा में सफल 41556 अभ्यर्थियों में से 73 जिलों में 37719 को ही अब तक नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। मथुरा और संभल में चयन का डाटा उपलब्ध नहीं है।.
विशिष्ट बीटीसी करने के बाद टीईटी और शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने के बाद साधना राय समेत अन्य अभ्यर्थियों को 40 साल से अधिक होने के कारण प्रयागराज, बस्ती और चंदौली में नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा। जबकि नियमावली में 50 साल तक नियुक्ति का प्रावधान है और अन्य जिलों में ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई भी है। .
मंसूराबाद के घनश्याम मिश्रा ने 2010-11 सत्र में नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय से बीटीसी किया था। उसके बाद टीईटी और शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने के बाद प्रयागराज में काउंसिलिंग कराई। लेकिन मान्यता को लेकर कानूनी अड़चन के कारण अब विभाग उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दे रहा।.
प्रीति त्यागी ने 12वीं करने के बाद दिल्ली से डीएलएड किया और फिर स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद टीईटी और 68500 शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा पास की। बागपत जिले में चयन हो गया और काउंसिलिंग भी करा ली। लेकिन अब बेसिक शिक्षा विभाग उसे नियुक्ति पत्र नहीं दे रहा क्योंकि उसने स्नातक डीएलएड के बाद किया है।.