बदायूं : कागजी स्वेटर से गर्माहट का अहसास
बदायूं : परिषदीय स्कूल के बच्चों को सर्दी में स्वेटर बंटने थे। बंट गए। कुछ हकीकत में और ज्यादातर कागजों पर। बच्चे ठिठुरते हुए विद्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन दफ्तर में हीटर की गर्माहट में बैठने वाले शिक्षा और प्रशासन के अधिकारियों को इसका अहसास नहीं होता। पूरा बजट न मिलने पर शिक्षकों ने कार्रवाई से बचने को अपनी जेब से या उधारी में स्वेटर खरीदकर बांटे। बीएसए का दावा है कि 95 प्रतिशत बच्चों के तन पर सरकारी स्वेटर है।
जिले में कुल 2458 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें 3 लाख 18 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। प्रति स्वेटर 200 रुपये मूल्य निर्धारित है। इस हिसाब से छह करोड़ 36 लाख रुपये की मांग भेजी गई थी। विभाग का दावा है कि सरकार ने 50 प्रतिशत के आंकड़े से महज तीन करोड़ रुपये ही भेजे। स्कूलों को भी 200 रुपये प्रति स्वेटर के बजाय 100 रुपये के आधार पर रकम दी गई, जबकि ज्यादातर स्कूल के खातों में रकम आयी ही नहीं। - 2457 परिषदीय स्कूल जिले में
- 3.18 लाख विद्यार्थी पढ़ रहे
- 200 रुपये प्रति स्वेटर निर्धारित ठेकेदार ने भेज दिए छोटे-बड़े स्वेटर
स्वेटर वितरण के लिए भी ठेकेदार और माफिया हावी रहे। इन्हीं से स्वेटर खरीद कराई गई। नतीजा बिना बच्चों की लंबाई की माप के ही स्कूलों को स्वेटर भेजे। छोटे या बड़े होने के चलते बच्चे स्वेटर पहनकर विद्यालय नहीं आते। बोले बच्चे..
फोटो 20 बीडीएन 15
स्वेटर छोटे साइज का मिला था। इसे पहन नहीं पाते। बदलने को कहा गया, लेकिन अभी तक नहीं बदला गया है।
- समन फोटो 20 बीडीएन 16
विद्यालय में कई बच्चों को स्वेटर मिल गए, लेकिन हमें अभी तक नहीं मिला है। कई बार पूछने के बाद भी जवाब नहीं मिल रहा है।
- अर्शी फोटो 20 बीडीएन 17
सर्दी शुरू होने के बाद बहुत परेशानी हो रही है। विद्यालय की ओर से स्वेटर वितरित नहीं किए गए हैं। जिसकी वजह से सर्दी लगती रहती है।
- शिखा फोटो 20 बीडीएन 18
सर्दी लगना शुरू हो गई है। ठंड से बचने को धूप में बैठना पड़ता है। पढ़ाई प्रभावित होती है। साथियों को स्वेटर मिल गए, लेकिन हमें नहीं मिले।
- आरुषी
वर्जन..
विद्यालय के स्कूल मैनेजमेंट खाते में रुपये नहीं आए। ठंड बढ़ रही थी, इसलिए अपने पास से रुपये खर्च कर स्वेटर मंगाए।
-प्रिया बंसल, प्रधानाध्यापक, पुलिस लाइन प्राथमिक विद्यालय ज्यादातर विद्यालयों में स्वेटर का वितरण किया जा चुका है। अभी खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। उसके बाद ही सही जानकारी मिल सकेगी।
- रामपाल सिंह राजपूत, बीएसए