मास्साब, नीरज जी तो 1925 में पैदा हुए थे, 26 में नहीं
शिक्षा परिषद की किताबों में महान कवियो की जन्म तिथियां भी गलत भ्रम पैदा कर रही देश के राज्यों की संख्या, पढ़ाते रहे शिक्षक, रटते रहे छात्र...
सुरीर (मथुरा), अभय गुप्ता। शिक्षा परिषद के स्कूलों में आंख मूंद कर पढ़ाई कराई जा रही है। सरकारी किताबों में महान कवियों की जन्म तिथियां गलत प्रकाशित हो गई। देश के राज्यों की संख्या भ्रम पैदा कर रही है। मगर, मास्साब पढ़ाते रहे और छात्र भी इसे ही रटते रहे।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के लिए कक्षा चार, पांच, छह और सात की ¨हदी पुस्तक 'मंजरी' को ऑस्टर प्रिन्टर्स एंड पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड मथुरा ने प्रकाशित किया है। संशोधित संस्करण 2018-19 में 144706 प्रतियां कक्षा सात, 202840 कक्षा छह की प्रतियां मुद्रित की हैं। करीब इतनी ही पुस्तकें कक्षा चार और पांच की भी प्रकाशित की गई हैं। स्कूलों में शिक्षक इन्हीं पुस्तकों से शिक्षा दे रहे हैं।
ये जन्मतिथियां हुई प्रकाशित
कक्षा छह की पुस्तक 'मंजरी' के पेज 16 पर कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर का जन्म 29 मई 1961 प्रकाशित है। जबकि सही 1906 है। पेज 28 पर रामप्रसाद बिस्मिल का जन्मदिन 4 जून 1897 प्रकाशित है, जबकि सही तारीख 11 जून 1897 है। पेज 85 पर गोपाल दास नीरज का जन्म 4 जनवरी 1925 के स्थान पर 8 फरवरी 1926 छापा है। पेज 104 पर भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म 29 मार्च 1913 की जगह 1914 प्रकाशित है। कक्षा सात के 'मंजरी' में पेज 12 पर जयशंकर प्रसाद का जन्मदिन 30 जनवरी 1890 के स्थान पर 1889 प्रकाशित है। पेज 38 पर कवि सूरदास की मृत्यु 1580 के बजाय 1585 ई. छपी है।
राज्यों की संख्या भी गलत
कक्षा चार की किताब में हमारा परिवेश में देश में 28 राज्य बताए हैं, जबकि कक्षा पांच की पुस्तक में 29 राज्य होने की जानकारी दी गई है। जबकि 28+1 यानी 29 राज्य हैं। सात संघीय राज्य भी हैं। किताबों में कवियों के जन्म की तिथियों और वर्ष को लेकर कई गलती हैं। यह जानकारी लखनऊ पाठ्य पुस्तक विभाग को दी जाएगी।
चंद्रशेखर, बेसिक शिक्षा अधिकारी, मथुरा