वाह, 26 बच्चों पर चार शिक्षक
सिद्धार्थनगर : क्षेत्र स्थित ग्राम अमौना पाण्डेय में एक ऐसा राजकीय विद्यालय है, जहां कुल नामांकित बच्चों की संख्या मात्र 26 है। जिसमें नाम मात्र ही विद्यालय आते हैं। जबकि यहां प्रधानाचार्य समेत चार शिक्षकों की तैनाती है, जो विद्यालय आते हैं और समय काटकर चले जाते हैं। स्कूल में समस्याएं अपार हैं, वर्ष 2013 में निर्मित भवन की हालत दिनों दिन दयनीय होती जा रही...
सिद्धार्थनगर :
क्षेत्र स्थित ग्राम अमौना पाण्डेय में एक ऐसा राजकीय विद्यालय है, जहां कुल नामांकित बच्चों की संख्या मात्र 26 है। जिसमें नाम मात्र ही विद्यालय आते हैं। जबकि यहां प्रधानाचार्य समेत चार शिक्षकों की तैनाती है, जो विद्यालय आते हैं और समय काटकर चले जाते हैं। स्कूल में समस्याएं अपार हैं, वर्ष 2013 में निर्मित भवन की हालत दिनों दिन दयनीय होती जा रही है। बच्चों के बैठने के लिए सिर्फ चार बेंच उपलब्ध है। बिजली, बाउंड्री, पेयजल की दिक्कत है, शौचालय बदहाल स्थित में इस कदर पहुंच गए हैं, कि उसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
यहां उच्चीकृत राजकीय नवीन हाईस्कूल की स्थापना भी कराई गई। करीब पांच वर्ष पहले करोड़ों की लागत से भवन बनकर तैयार हुआ। परंतु जिस उद्देश्य के तहत विद्यालय बनाया गया, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। करीब चार वर्ष तक विद्यालय महज एक शिक्षक के भरोसे जैसे-तैसे चलता रहा।
यहां बाउंड्री है ही नहीं, खिड़कियां सारी टूट गई है। प्लास्टर उखड़ रहा है, तो फर्श धंस गया है। प्रधानाचार्य कक्ष के अलावा क्लास रूम 5, प्रयोगशाला व कम्प्यूटर कक्ष, एयर क्राफ्ट का एक-एक कमरा बना है, सबकी हालत खस्ता है। पूरे प्रांगण में एक भी हैंडपंप नहीं है, जिसकी वजह से शुद्ध पेयजल का संकट भी बना रहता है।
इंचार्ज प्रधानाचार्य जितेन्द्र कुमार का कहना है कि समस्या उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है। विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़े इसके लिए वह स्टाफ के साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, यदि अभिभावकों द्वारा दिलचस्पी ली जाए, तो स्थिति कुछ बेहतर हो सकती है।