महराजगंज : कांवेंट विद्यालयों को मात देता यह सरकारी विद्यालय
सुशील शुक्ल, भिटौली, महराजगंज: परिषदीय विद्यालयों का नाम जुबान पर आते ही बदहाल स्कूल का चित्र मस्तिष्क में उभर जाता है। जहां बच्चे बेतरतीब ढंग से बैठे नजर आते हैं और शिक्षक अपने में मस्त, लेकिन कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं, जो सरकारी विद्यालयों को लेकर आम जनमानस की सोच बदल रहे हैं। ऐसा ही विद्यालय पनियरा क्षेत्र का पूर्व माध्यमिक विद्यालय जड़ार है , जो कान्वेंट विद्यालयों को मात दे रहा है। इस विद्यालय के बच्चे अंग्रेजी बोल लेते हैं और निजी स्कूलों के बच्चों के सामने पूरे आत्मविश्वास के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में खड़े होते हैं ।
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व्?यक्?तित्?व विकास के सभी संसाधन मौजूद:
पूर्व माध्यमिक विद्यालय जड़ार जनपद का ऐसा जूनियर सरकारी विद्यालय है, जहां प्रयोगशाला है। प्रतिदिन बैच बनाकर विज्ञान के प्रयोग कराए जाते हैं और वही छात्राओं के लिए सिलाई का भी प्रशिक्षण दिया जाता है । यहां बच्चों के लिए कंप्यूटर और ¨प्रटर भी है। हर नो बैग डे के दिन बच्चे माइक पर भाषण व वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अपना व्यक्तित्व विकास करते हैं। यहां अतिथियों के स्वागत में स्काउट के क्षेत्र में कलर पार्टी वह घोष दल भी है । ये बच्चे निजी स्कूलों के बच्चों के साथ भी इन प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करते हैं। खेलने के लिए बच्चों को फुटबॉल, बास्केटबॉल, बैटबाल व बैड¨मटन उपलब्ध कराया गया है।
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इन शिक्षकों का रहता है सहयोग:
इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार पटेल, कैलाश गुप्त, प्रांजल मणि, अजय कुमार, संदीप गुप्त व अवकाश प्राप्त शिक्षक शिवशंकर मौर्य के कठिन परिश्रम से आज यह विद्यालय कान्वेंट विद्यालय को मात दे रहा है
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उपलब्धियां:
यहां के बच्चे मंडलीय बेसिक स्काउट गाइड जूनियर संवर्ग में वर्ष 2016 में रसतिया कोठी देवरिया में प्रथम स्थान और 2017 में देवरिया में द्वितीय स्थान वर्ष 2018 में हाटा कुशीनगर में दूसरा स्थान प्राप्त किए।
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प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार पटेल का कहना है कि गरीब घरों के बच्चों के लिए सरकारी विद्यालय ही विकल्प होते हैं। ऐसे में हमारी टीम ने यह कोशिश की है कि बच्चों को बेहतर माहौल देकर उन्हें आत्मविश्वास से लबरेज बनाया जाए।