लखनऊ : यूपी में सहायता प्राप्त विद्यालयों में नहीं होंगी नई भर्तियां, शिक्षकों के पद घटे
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यूपी में सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नई भर्तियां नहीं होंगी। सौ से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में ही अब प्रधानाध्यापक का पद होगा। चार अध्यापक और एक प्रधानाध्यापक के बजाय अब तीन ही अध्यापक होंगे।
जिन स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात 35:1 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं तो वहां सरप्लस शिक्षक की सेवानिवृत्ति या मृत्यु के बाद पद स्वत: समाप्त हो जाएगा। लिपिक व चपरासी का पद भी समाप्त कर दिया गया है। सरकार ने साफ किया है 45,625 परिषदीय स्कूलों में नए नियम के तहत ये दोनों पद नहीं हैं।
ऐसे में अभी कार्यरत लिपिक या चपरासी की सेवानिवृत्ति या मृत्यु के साथ ही पद समाप्त हो जाएगा। सहायता प्राप्त स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती में धांधली की शिकायतों के बाद प्रदेश सरकार ने नए मापदंड तय कर दिए हैं।
ताजा रिपोर्ट में शिक्षकों के अनुपात में स्टूडेंटस कम
सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 1990 में एक प्रधानाध्यापक, 4 अध्यापक, 1 लिपिक और एक चपरासी का पद सृजित किया गया था। सरकार का मानना है कि आरटीई के तहत हर 3 किलोमीटर की दूरी और 800 की आबादी पर पर्याप्त संख्या में परिषदीय जूनियर हाईस्कूल स्थापित किए गए हैं।
इसके अलावा प्रदेश में बड़ी संख्या में निजी मान्यता प्राप्त स्कूल भी है। वहीं, सरकार को मिली ताजा रिपोर्ट में सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों के अनुपात में विद्यार्थी भी कम हैं।