एमडीएम में संख्या का खेल बंद, अब बच्चे करेंगे हस्ताक्षर
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले के 1988 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना चल रही है। आठवीं तक के बच्चों को साप्ताहिक मेन्यू के अनुसार भोजन दिया जाता है। सोमवार को फल व बुधवार को दूध वितरण भी शामिल है। कई विद्यालयों में खाना खाने वाले बच्चों की अधिक संख्या अंकित कर फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायतें होती हैं, लेकिन पुष्टि नहीं हो पाती है। अब प्रतिदिन खाना खाने वाले बच्चों से पंजिका पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे। गैरहाजिर बच्चों के नाम के सामने लाल स्याही से अनुपस्थिति दर्ज की जाएगी।
मिड-डे मील में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए दैनिक अनुश्रवण प्रणाली चल रही है। इसके अंतर्गत प्रतिदिन स्वचालित मोबाइल कॉल के द्वारा एमडीएम बनने व खाना खाने वाले बच्चों की संख्या मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा हेडमास्टर से ली जाती है। विद्यालय की एमडीएम पंजिका में भी संख्या दर्ज होती। कई बार दोनों में अंतर होने के मामले सामने आते हैं, लेकिन यह पता नहीं चलता कि किन-किन बच्चों की संख्या बढ़ाकर दिखाई गई। अब खाना खाने वाले बच्चों से एमडीएम पंजिका में दस्तखत कराए जाएंगे। अनुपस्थित बच्चों के कालम में ¨हदी में अनुपस्थित या अंग्रेजी में ए अंकित किया जाएगा। इससे पता चल सके कि किस दिन किन-किन बच्चों ने एमडीएम खाया और कौन बच्चे आए नहीं। 2.05 लाख बच्चों को योजना का लाभ
जिले के 1988 स्कूलों में 8वीं तक पंजीकृत 2.05 लाख बच्चे मिड-डे मील से लाभांवित होते हैं। इनमें परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालय व मदरसे शामिल हैं। मिड-डे मील के प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी बेगीश गोयल का कहना है कि अपर मुख्य सचिव का पत्र प्राप्त हुआ है। बीएसए राम¨सह ने बताया कि नई व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश दिए जाएंगे।
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