विद्यालयों में होगी अब संस्कृत में प्रार्थना
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ की ओर से सोनभद्र डायट केंद्र पर चल रही पांच दिवसीय संस्कृत कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आए बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने कहा कि यह संस्कृत कार्यशाला तभी सार्थक होगी जब सभी शिक्षक इसे अपने-अपने विद्यालय में प्रयोग करते हुए अध्यापन करेंगे। साथ ही साथ पांच दिन तक चले प्रशिक्षण के परिणाम को देखते हुए उन्होंने जनपद के सभी विद्यालय के शिक्षकों को निर्देश दिया कि अब सुबह की प्रार्थना में कार्यशाला में पढ़ाये गए संस्कृत गीतों (गणेश वंदना व सरस्वती वंदना) को शामिल किया जाए। उन्होंने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा है।...
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ की ओर से सोनभद्र डायट केंद्र पर चल रही पांच दिवसीय संस्कृत कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आए बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने कहा कि यह संस्कृत कार्यशाला तभी सार्थक होगी जब सभी शिक्षक इसे अपने-अपने विद्यालय में प्रयोग करते हुए अध्यापन करेंगे। साथ ही साथ पांच दिन तक चले प्रशिक्षण के परिणाम को देखते हुए उन्होंने जनपद के सभी विद्यालय के शिक्षकों को निर्देश दिया कि अब सुबह की प्रार्थना में कार्यशाला में पढ़ाए गए संस्कृत गीतों (गणेश वंदना व सरस्वती वंदना) को शामिल किया जाए।
उन्होंने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डायट के प्राचार्य राजेंद्र प्रताप ने कहा कि सभी शिक्षकों ने बड़े उत्साह के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया व प्रशिक्षकों ने बड़े सुंदर व रोचक अंदाज में बहुत कम समय में संस्कृत की बारीकियों को बताया। मात्र पांच दिन के ही प्रशिक्षण में जब शिक्षक इतना कुछ सीख गए अगर एक माह का प्रशिक्षण इस तरह का दिया जाए तो आजीवन वह संस्कृत बोलेगा। उन्होंने विद्यालय के साथ-साथ अपने घर व पास पड़ोस के बच्चों को भी संस्कृत भाषा को पढ़ाने के लिए शिक्षकों से संस्कार युक्त समाज का निर्माण करने की अपील की। संस्कृत भाषा से ही संस्कार मिल सकता है। सोनभद्र में अब संस्कृत के क्षेत्र में एक नए युग की शुरूआत इस कार्यशाला के माध्यम से हुई है जो नव जागरण का कार्य करेगी। प्रांत समन्वयक डा. नागेश पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इच्छा से पूरे प्रदेश में इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। सोनभद्र में 1000 शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य शासन द्वारा रखा गया है। नोडल अधिकारी अविनाश शुक्ल ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ द्वारा स्वागत किया व धन्यवाद ज्ञापन प्रशिक्षक अमित झा ने दिया तथा कार्यक्रम का संचालन संस्थान के प्रशिक्षक डा. मुनीश कुमार मिश्र ने किया। इस मौके पर प्रशिक्षक शिवम शुक्ल व गोपाल चंद हालदार के साथ सभी शिक्षक उपस्थित रहे। शिक्षकों ने समापन सत्र में संस्कृत गीत सुनाए व अपने अनुभव के बारे में कहा कि आज तक संस्कृत भाषा का इतना अच्छा प्रशिक्षण कहीं नहीं देखा। शिक्षकों ने प्रशिक्षण से प्रभावित होकर माल्यार्पण द्वारा प्रशिक्षकों को सम्मानित भी किया।