स्कूल बैग के घपले में अलग-अलग दोनों के सुर ताल
लखीमपुर: वर्ष 2016-17 में 18047 स्कूल बैग की खरीद बैग में 26.06 लाख रुपये के घपले की बात को बी...
लखीमपुर: वर्ष 2016-17 में 18047 स्कूल बैग की खरीद बैग में 26.06 लाख रुपये के घपले की बात को बीएसए बुद्धप्रिय ¨सह भले ही कोई गड़बड़ी न मान रहे हों लेकिन लेखा विभाग इलाहाबाद की इस ऑडिट रिपोर्ट को शत-प्रतिशत सही बता रहे हैं। लेखाधिकारी डॉ. दिलीप ¨सह के मुताबिक ऑडिट रिपोर्ट पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। क्योंकि यह रिपोर्ट वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी की ओर लेखा विभाग और बीएसए को भेजी गई है। उन्होंने माना कि कार्रवाई न होने की दशा में लेखाधिकारी द्वारा बीएसए को पत्र भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इस बाबत बीएसए को पत्र भेजा जाएगा।
कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के परिषदीय, सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, सहायता प्राप्त मदरसे, राजकीय इंटर कॉलेज के छह से आठ तक के बच्चों तथा सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा एक से आठ आठ तक के छात्र-छात्राओं को निशुल्क बैग उपलब्ध कराने के लिए शासनादेश जारी किया गया था। बैग खरीदने के लिए 7.78 करोड़ रुपये आवंटित किए गए लेकिन, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक द्वारा लेखाधिकारी कार्यालय के निर्देशानुसार लेखाधिकारी कार्यालय द्वारा जो उपभोग प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया गया, उसके अनुसार 539339 छात्र-छात्राओं को स्कूल बैग खरीदने में आवंटित पूरी धनराशि व्यय कर ली गई। जबकि ऑडिट में यू-डायस डाटा में छात्र-छात्राओं की संख्या 521292 पाई गई। बीएसए बुद्धप्रिय ¨सह कहते हैं कि यह कोई गड़बड़ी नहीं है, जबकि लेखा विभाग इस मामले में पूरी तरह सही बता रहा है। लेखाधिकारी का कहना है कि कार्रवाई न करना अलग बात है लेकिन, गड़बड़ी की ऑडिट रिपोर्ट सही है।