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शामली : शाम होते ही स्कूल में लगते है स्मैक, गांजे के कश

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शाम होते ही स्कूल में लगते है स्मैक, गांजे के कश


कैराना: भले ही योगी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर सुविधाएं होने का दावा...

कैराना: भले ही योगी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर सुविधाएं होने का दावा करते हों, लेकिन जमीनी हकीकत इससे जुदा है। गांव बसेड़ा में प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्रीवाल नहीं होने से यहां शाम ढलते ही नशेडि़यों का जमावड़ा हो जाती है। वे यहां स्मैक व गांजा के खूब कश लगाते हैं। यहीं नहीं बेसहारा पशुओं का आरामगाह भी यह विद्यालय बना है। इसकी दर्जनों बार शिकायतें हुई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

कैराना खादर क्षेत्र के गांव बसेड़ा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय व प्राइमरी पाठशाला तो मौजूद हैं, जहां शिक्षक व करीब 350 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्कूल में गंदगी रहती है। छुट्टी के बाद स्कूल जानवरों व नशेडि़यों के लिए शरणस्थली बन जाते हैं। यहां देर शाम से नशेड़ियों का आवागमन हो जाता है। बेसहारा पशुओं का जमावड़ा भी यहां रहता है। उनसे फैली गंदगी से यहां का हाल और भी बदत्तर हो जाता है। शिक्षक बोले, नहीं होती कार्रवाई

खादर क्षेत्र के ग्राम बसेड़ा में प्राइमरी पाठशाला व पूर्व माध्यमिक विद्यालय एक ही प्रांगण में बनाए गए हैं। करीब 12 बीघा भूमि पर बने दोनों स्कूलों में 330 छात्र छात्राएं हैं, जहां दो शिक्षामित्र सहित आठ शिक्षक तैनात हैं। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल में सफाई के लिए न तो कोई कर्मचारी है और न ही स्कूल की चाहरदीवारी है, जिससे यहां पशुओं व नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। अभिभावक भी कतराते हैं

गांव बसेड़ा के प्राइमरी पाठशाला व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की हालत देखकर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते है। यहां गंदगी तो है ही। साथ ही यहां न ही कक्षाओं में खिड़कियां हैं और न फर्स। 12 बीघा में बने दोनों स्कूलों में गंदगी फैली है, जिससे बच्चों को कभी भी गंभीर रोग फैल सकता है। वर्जन आना बाकि है

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