एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

कौशाम्बी : गुरुजी ऐसे कि बच्चों ने ही रुकवा लिया तबादला

0 comments

गुरुजी ऐसे कि बच्चों ने ही रुकवा लिया तबादला


कौशांबी : नेवादा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अमवां में तैनात प्रधानाध्यापक का बच्चों से इतना लगाव है कि उन्होंने उनके स्थानांतरण को भी रुकवा लिया। बच्चों के लिए वह सिर्फ शिक्षक नहीं उनके अभिभावक भी हैं। पढ़ाने के साथ ही वह उनकी अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखते हैं। पढ़ाने की लगन ऐसा कि विद्यालय बंद होने के बाद भी वह समय निकालकर बच्चों को पढ़ाते हैं।...

नीरज ¨सह, कौशांबी : नेवादा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अमवां में तैनात प्रधानाध्यापक का बच्चों से इतना लगाव है कि उन्होंने उनके स्थानांतरण को भी रुकवा लिया। बच्चों के लिए वह सिर्फ शिक्षक नहीं उनके अभिभावक भी हैं। पढ़ाने के साथ ही वह उनकी अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखते हैं। पढ़ाने की लगन ऐसा कि विद्यालय बंद होने के बाद भी वह समय निकालकर बच्चों को पढ़ाते हैं।

प्राथमिक विद्यालय अमवां में तैनात प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार को बच्चों से बेहद लगाव है। बच्चे भी उनका उतना ही सम्मान करते हैं। इसका परिणाम है कि अमवां ही नहीं आस-पास के गई गांव के बच्चे उनके विद्यालय में पढ़ने आते हैं। अभी तक जहां बच्चे विद्यालय में आने से डरते थे। वहीं प्रमोद के प्रयास से विद्यालय की छात्र संख्या में भी इजाफा हुआ है। वह बच्चों को हर वह बात बताते हैं जो उनके भविष्य के लिए हितकर हो। ¨हदी, गणित अंग्रेजी की पढ़ाई को लेकर बच्चे सतर्क रहे। इसके लिए वह खुद विद्यालय बंद होने के बाद भी उनके बीच बैठे रहते हैं। कभी-कभी तो बच्चों के अभिभावकों को विद्यालय बंद करने के लिए कहना पड़ता है। बच्चे उनको कितना पसंद करते हैं इस बात का अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि दिसंबर 2017 में उनको तबादला दूसरे विद्यालय में हो गया था। इसकी जानकारी जैसे ही बच्चों को हुई। उन्होंने विद्यालय आना बंद कर दिया। इसके बाद उन्होंने अभिभावकों के साथ बीआरसी परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। करीब एक सप्ताह के प्रदर्शन के बाद तत्कालीन बीएसए एमआर स्वामी ने उनको स्थानांतरण वापस लेना पड़ा। इसके बाद से बच्चों ने विद्यालय आना शुरू कर दिया। बच्चों को बांटी टोपी

प्रमोद को बच्चों को कितना ख्याल है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब सरकार की ओर से बच्चों को स्वेटर व जूते मोजा नहीं मिलता था। तब उनके प्रयास से बच्चे जूता व मोजा व स्वेटर के साथ विद्यालय आते थे। सरकार ने बच्चों को स्वेटर व जूता मोजा दिया तो इसके बाद प्रमोद ने अपने प्रयास से विद्यालय में पढ़ने वाले 129 बच्चों को खुद ही टोपी का वितरण कर दिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।