सरकार ने अपनी जिम्मेदारी बच्चों के कंधों पर डाली
आमजन को शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराना सीधे तौर सरकार की जिम्मेदारी होती है।...
जासं, पीलीभीत : आमजन को शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराना सीधे तौर पर सरकार की जिम्मेदारी है। 21 मुख्यमंत्री सत्तासीन होने के बावजूद आजादी के 71 साल बाद भी प्रदेश की सरकारें जो काम खुद न कर सकीं, उसे अंजाम देने की जिम्मेदारी मासूम कंधों पर डाल दी। कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों को गांव के चाचा, ताऊ को साक्षर बनाने का जिम्मा सौंप दिया। वह भी महज तीन माह की मियाद में। खुद शिक्षा निदेशक (बेसिक) डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी बीएसए को इस बाबत निर्देश भेजे हैं।
37 प्रतिशत से अधिक आबादी है निरक्षर
अपने जिले की जनसंख्या करीब 20 लाख 37 हजार लाख है। आजादी के बाद से तमाम साक्षरता अभियान, सर्व शिक्षा अभियान और अन्य योजनाएं चलाई गई। फिर भी, जिले की साक्षरता दर महज 63.50 प्रतिशत ही है। यानी 38.50 प्रतिशत निरक्षर हैं। हर साल हजारों बच्चों का नाम तो स्कूल के रजिस्टर पर लिखा जाता है, लेकिन विद्यालय आते ही नहीं हैं।
अपने संसाधन मान लिए फ्लॉप
सरकार 14 साल तक के बालक, बालिकाओं को परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में निश्शुल्क शिक्षा देती है। जिले में 570 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें 30,494 बच्चे अध्यनरत हैं। इन्हें किताबें, मध्याह्न भोजन से लेकर यूनिफॉर्म, जूते तक स्कूल की तरफ से ही दिया जाता है। फिर भी हजारों लोग निरक्षर ही हैं।
बच्चों तुम सिखाओ पढ़ना-लिखना
शिक्षा निदेशक के आदेश में कहा गया है कि 15 साल से अधिक उम्र के किशोरों और व्यक्तियों को पढ़ना-लिखना सिखाया जाएगा। परिषदीय उच्च प्राथमिक और अनुदानित विद्यालयों के कक्षा छह से आठवीं के छात्र-छात्राओं को अपने परिवार और आसपास के कम से कम एक निरक्षर व्यक्ति को साक्षर बनाना होगा। उन्हें हिन्दी, अंग्रेजी का अक्षर ज्ञान, अंकों का जोड़-घटाव, गुणा-भाग सिखाना होगा। यह काम तीन माह के भीतर पूरा करने के निर्देश हैं। 20.37 : लाख जिले की जनसंख्या
63.50 : प्रतिशत है साक्षरता
71.70 : प्रतिशत पुरुष हैं साक्षर
54 : प्रतिशत महिलाएं हैं साक्षर बोले जिम्मेदार..
विद्यालय के आसपास रहने वाले निरक्षरों को साक्षर करने का कार्य किया जाएगा। शासन के आदेश के अनुरूप काम होगा।
शिवेंद्र कुमार वर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (कार्यवाहक)।