आश्वासन देने वाले को वोट, वरना दबाएंगे नोटा
बदायूं : पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मालवीय अध्यापक आवास गृह पर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी - पुरानी पेंशन बहाली मंच संगठन ने फिर हुंकार भरी। उन्होंने धरना-प्रदर्शन किया। जिले भर के सैकड़ों शिक्षक-कर्मचारियों ने आंदोलन में प्रतिभाग किया। बार-बार लोकसभा चुनाव में सबक सिखाने की बात करते हुए विपक्षी पार्टियों से पुरानी पेंशन बहाली के बारे में पूछा कि वह इसे लागू करें तो उन्हें वोट दिया जाएगा। वर्ना शिक्षक-कर्मचारी नोटा का बटन दबाएंगे।
एडीएम वित्त महेंद्र ¨सह धरनास्थल पर जाकर ज्ञापन लिया। आह्वान के बाद भी जिले के कई परिषदीय विद्यालय खुले रहे। पुरानी पेंशन के अलावा शिक्षकों की सत्यापन व वेतन संबंधी समस्याओं के बारे में बताया गया। कहा कि आगामी 28 जनवरी को बीएसए कार्यालय पर धरना होगा।
शुरुआत में महिला शक्ति के रुप में शिक्षक नेता सोनी गुप्ता ने धरने को संबोधित किया। पढ़ा गया कि जरा तुम पंख देकर तो देखो, यह नभ छोटा न पड़ जाए तो कहना, जरा पुरानी पेंशन तो देकर के देखो, 2019 में कमल न खिल जाए तो कहना। जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि सत्यापन का उत्तरदायित्व विभाग का है न कि शिक्षक-शिक्षिकाओं का। तो उनका वेतन रोका जाना सही नहीं है। शिक्षक मनोयोग से कार्य कर रहा है फिर भी वेतन के लिए डीएम की सिफारिश कराने पड़ती है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की सरोज यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मन की बात बहुत हुई अब वक्त आ गया है कि वह पुरानी पेंशन की बात करें। फारूक अहमद के बारे में बताया कि जिनकी अप्रैल 2014 से एनपीएस की कटौती हो रही है, लेकिन सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन के रुप में एक भी रुपया नहीं मिला। पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश मंत्री ने कहा कि सरकार का सबका साथ सबका विकास नारा ढोंग है। खुद पुरानी पेंशन लेते हैं और बाकी को नहीं देते। राष्ट्रीय पेंशन अधिकार आंदोलन संगठन के अनिल यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार ने कमेटी बनाकर ठोस निर्णय नहीं लिया। सालारपुर के ब्लॉक अध्यक्ष सुरेंद्र ¨सह के ब्लॉक से सबसे ज्यादा भीड़ आने पर प्रोत्साहित किया गया। सह संयोजक उदयवीर यादव ने कहा कि देश के चौकीदार को पांच राज्यों के चुनावी परिणाम से सबक लेते हुए पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए। जिला संयोजक एके मिश्रा, फरहत हुसैन, अभिमत राम, रामवीर ¨सह, संजय यादव, राजीव ¨सध, दामोदर ¨सह, असरार अहमद, अजमत खान, ललतेश कुमार, सलमान खान, अशोक बाबू शर्मा ने विचार व्यक्त किए। संचालन राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक अनुज शर्मा ने किया।
Posted By: Jagran