सामान्य वर्ग को आरक्षण के लिए मापदंड तय
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों लिए आरक्षण के मापदंडों को लेकर आखिरकार कई दिनों से जारी ऊहापोह गुरुवार को खत्म हो गई। सरकार ने इसके मापदंड तय कर दिए हैं। सालाना आठ लाख रुपये तक की आयसीमा को यथावत रखा गया है। हालांकि यह सिर्फ केंद्र सरकार से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों और केंद्रीय नौकरियों में ही अनिवार्य रूप से लागू होगा। राज्यों को छूट दी गई है कि वे अपनी जरूरत और स्थिति के हिसाब से आयसीमा कम-ज्यादा कर सकें।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय के मुताबिक, मापदंडों को अंतिम रूप देने के साथ ही उसे मानव संसाधन विकास मंत्रलय और कार्मिक मंत्रलय (डीओपीटी) को अमल शुरू करने के लिए भेज दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पहले से घोषित मापदंडों में कुछ छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। इनमें नगरीय क्षेत्र में 100 गज के प्लॉट को 100 वर्ग गज किया गया है, नगरीय क्षेत्र के लिए तय किए गए 200 गज के मापदंड को 200 वर्ग गज कर दिया गया है। इसके अलावा तय मापदंडों में जो एक अहम बिंदु जोड़ा गया है, उसके तहत इसका लाभ निजी क्षेत्र के वित्तीय मदद न लेने वाले संस्थानों पर भी लागू होगा। इसके लिए जरूरी कानूनी प्रावधानों को तैयार करने का जिम्मा मानव संसाधन विकास मंत्रलय पर छोड़ा गया है।