फिल्में देख खुश हुए बच्चे
जासं, गोरखपुर : गोरखपुर महोत्सव के अंतर्गत शुक्रवार को बाल फिल्म महोत्सव का शुभारंभ हुआ। पहले दिन सिटी मॉल स्थित आइनॉक्स, विजय सिनेमा और माया सिनेप्लेक्स में स्कूली बच्चों को तीन बाल फिल्में दिखाई गई। राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत बाल फिल्मों को देखकर बच्चे चहक उठे।
चरगांवा, खोराबार, सरदारनगर, जंगल कौड़िया और भटहट ब्लाक स्थित प्राइमरी स्कूलों के करीब 1500 छात्र-छात्रएं मार्निग शो में बुधिया सिंह-बोर्न टू रन, हल्का और निल बटे सन्नाटा देखने पहुंचे। फिल्म हल्का शौचालय के लिए एक बच्चे के संघर्ष की कहानी है। वहीं बुधिया सिंह में एक पांच साल के बच्चे के मैराथन दौड़ को लेकर व निल बटे सन्नाटा में मां के सशक्त किरदार को दिखाया गया है। शनिवार को भी 1500 बच्चों को यही तीन फिल्में दिखाई जाएंगी। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि फिल्म महोत्सव का उद्देश्य ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन करना है, जो अन्य संस्कृतियों, जिंदगियों और अनुभवों के प्रति समझ पैदा करें। इस मौके पर दिवाकर मोहन मित्तल, अशोक कुमार पाण्डेय, भूपेंद्र नारायण सिंह, प्रभात चौधरी, विवेक जायसवाल आदि मौजूद रहे।जासं, गोरखपुर : गोरखपुर महोत्सव के अंतर्गत शुक्रवार को बाल फिल्म महोत्सव का शुभारंभ हुआ। पहले दिन सिटी मॉल स्थित आइनॉक्स, विजय सिनेमा और माया सिनेप्लेक्स में स्कूली बच्चों को तीन बाल फिल्में दिखाई गई। राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत बाल फिल्मों को देखकर बच्चे चहक उठे। 1चरगांवा, खोराबार, सरदारनगर, जंगल कौड़िया और भटहट ब्लाक स्थित प्राइमरी स्कूलों के करीब 1500 छात्र-छात्रएं मार्निग शो में बुधिया सिंह-बोर्न टू रन, हल्का और निल बटे सन्नाटा देखने पहुंचे। फिल्म हल्का शौचालय के लिए एक बच्चे के संघर्ष की कहानी है। वहीं बुधिया सिंह में एक पांच साल के बच्चे के मैराथन दौड़ को लेकर व निल बटे सन्नाटा में मां के सशक्त किरदार को दिखाया गया है। शनिवार को भी 1500 बच्चों को यही तीन फिल्में दिखाई जाएंगी। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि फिल्म महोत्सव का उद्देश्य ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन करना है, जो अन्य संस्कृतियों, जिंदगियों और अनुभवों के प्रति समझ पैदा करें। इस मौके पर दिवाकर मोहन मित्तल, अशोक कुमार पाण्डेय, भूपेंद्र नारायण सिंह, प्रभात चौधरी, विवेक जायसवाल आदि मौजूद रहे।एसआरएस में बाल फिल्म बुधवा देखते प्राथमिक स्कूलों के बच्चे ’ जागरण