स्कूल में बेसहारा पशु, सड़क पर क्लास
शामली : फसलों को नुकसान पहुंचा रहे बेसहारा पशुओं को कुड़ाना के ग्रामीणों ने कन्या उच्...
शामली : फसलों को नुकसान पहुंचा रहे बेसहारा पशुओं को कुड़ाना के ग्रामीणों ने कन्या उच्च प्राथमिक स्कूल में बंद कर ताला लगा दिया। समझाने पर ग्रामीण नहीं माने तो शिक्षकों को सड़क पर पाठशाला लगानी पड़ी।
जिले में शामली और जलालाबाद में ही गोशाला है और दोनों ही गोवंश से भरी हुई हैं। ग्रामीण प्रशासन से फसल बर्बाद कर रहे बेसहारा पशुओं को गांव से अन्यत्र भिजवाने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो सोमवार रात ग्रामीणों ने 16 पशु पकड़कर उच्च प्राथमिक स्कूल में डालकर ताला लगा दिया। सुबह छात्राएं और शिक्षक विद्यालय पहुंचे तो ताला लटका देखा। वजह पूछने पर ग्रामीणों ने गेट का ताला खोलने से इन्कार कर दिया। शिक्षकों ने बेसिक शिक्षाधिकारी गीता वर्मा को जानकारी दी और उन्होंने प्रशासन को। इस दौरान शिक्षकों ने स्कूल के बाहर सड़क पर तिरपाल बिछाकर छात्राओं को पढ़ाना शुरू कर दिया। नायब तहसीलदार के समझाने पर भी ग्रामीण नहीं माने तो डेढ़ घंटे बाद सभी छात्राओं को प्राथमिक स्कूल-1 में भेज दिया गया। इस बीच नायब तहसीलदार ने उच्चाधिकारियों से वार्ता की, फिर ग्रामीणों को बताया कि बुटराड़ा में अस्थाई गोशाला का प्रबंध किया गया है। शाम को ट्रैक्टर-ट्रॉली में लादकर पशुओं को भेज दिया जाएगा। कुरमाली में गोशाला बनवाई जा रही है। बाद में इन्हें वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा। पशुओं को शिफ्ट किये जाने के बाद ग्रामीणों ने स्कूल गेट का ताला खोल दिया। गन्ने के बाद बेसहारा पशु बने मुद्दा
गन्ना भुगतान के बाद किसान संगठनों का प्रमुख मुद्दा बेसहारा पशुओं की समस्या ही है। ग्रामीण कई बार जिलाधिकारी को यह समस्या बता चुके हैं। कुछ दिन पूर्व शामली आए कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी के समक्ष भी इस मुद्दे को उठाया था। वहीं 25 दिन पहले काबड़ौत में भी ग्रामीणों ने पशुओं को एक स्कूल में भर दिया था। साथ ही कांधला क्षेत्र के गांव नाला में ग्रामीणों ने पशुओं को पशु चिकित्सालय में बांध दिया था।