तो ऐसे सुधरने से रही नौनिहालों की सेहत
संवादसूत्र, तुलसीपुर (बलरामपुर) : सरकार नौनिहालों की सेहत सुधारने को लेकर भले ही फिक्रमंद क्यों न हो, लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली से उसकी मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है। नौनिहालों के स्वास्थ्य का देखभाल करने के लिए गांव-गांव आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया गया है। जहां बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देने के साथ ही उनके स्वास्थ्य का देखभाल भी होता है, लेकिन अफसरों के धरातल पर न उतरने से क्षेत्र के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। कई केंद्रों के भवन जर्जर हैं तो कई केंद्रों के पास अपना भवन ही नहीं है।
दृश्य एक : आंगनबाड़ी केंद्र प्रेमनगर बदहाल है। यह भवन गांव के बाहर खेतों में बना है। भवन की खिड़कियां व दरवाजे गायब है। आसपास गंदगी फैली हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र का संचालन कभी नहीं हुआ। जिससे इसका लाभ किसी को नहीं मिल पा रहा है।
दृश्य दो : आंगनबाड़ी केंद्र मदरहवा जरवा रोड पर स्थित सड़क के किनारे भवन रंग रोगन होकर खड़ा है। इसमें ताला लगा हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र का संचालन कभी-कभार ही होता है। केंद्र नियमित न खुलने से बच्चों को पूरक पोषाहार नहीं मिल पा रहा है।
दृश्य तीन : जनकपुर प्राथमिक विद्यालय परिसर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भवन वर्षों से बंद है। ग्रामीणों ने बताया कि इसका ताला कभी नहीं खुलता है।