विद्यालय को उत्कृष्टता के सोपान पर पहुंचा गए आशीष
अयोध्या : गत शनिवार सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले परिषदीय विद्यालय के शिक्षक आशीष ¨सह ने अपने विजन पर विद्यालय को उच्च मुकाम पर पहुंचाया। वे विद्यालय को श्रेष्ठ बनाने वाले शिक्षकों के क्लब में शामिल थे। उनकी मौत से जहां परिवारजनों पर दुख का पहाड़ टूटा है, वहीं विद्यालय के बच्चे उनकी कार्यशैली को याद करते ही मायूसी की आगोश में चले जाते हैं।
आशीष पूर्व माध्यमिक विद्यालय ललुआपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक थे। यहां उनकी नियुक्ति 2010 में हुई थी। वे भले ही दुनिया से असमय चले गए, लेकिन शिक्षक के तौर पर उनके कार्य औरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए। आशीष नवाचार के साथ ही विज्ञान व अंग्रेजी शिक्षण के लिए जाने जाएंगे। उनकी असमय मौत विद्यार्थियों के लिए भी बड़ा सदमा साबित हुई। सोमवार को बच्चे रोते दिखे और बड़ी संख्या में छात्रों ने भोजन नहीं किया। दुखी अभिभावक भी उनके बारे में बाते करते रहे। वे इसके पहले साकेत महाविद्यालय में रसायन विभाग में अध्यापन कार्य कर चुके थे। गुणवत्तायुक्त शिक्षण कार्य की मुहिम चलाने वाले डॉ. विवेक ¨सह अपने साथी को याद कर रोने लगते हैं। कहते हैं कि उन्होंने काबिल साथी खो दिया है। पंकज द्विवेदी के कुछ बोलने के पहले ही आंखें नम हो गई और काफी देर बाद बोलने का साहस कर पाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को श्रेष्ठता की ओर उन्मुख किया। ये बच्चे किसी भी विद्यालय के बच्चे से गणित व विज्ञान की प्रतियोगिता जीतने में सक्षम हैं।
उनका नाम आदर्श शिक्षकों में शुमार रहा। वे आंधी, बरसात, जाड़ा-गर्मी की परवाह किए बिना विद्यालय नियत समय से आधे घंटा पहले पहुंच जाते थे। गत शनिवार को इसी कड़ी में विद्यालय समय से पहुंचने के लिए निकले पर बीच में काल ने उन्हें उठा लिया।