पुरानी पेंशन बहाली के लिए फिर गरजे कर्मचारी एवं पूर्व सांसद ने दिया समर्थन
जागरण संवाददाता, उन्नाव: पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राज्य कर्मचारी और शिक्षक एक बार फि...
जागरण संवाददाता, उन्नाव: पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राज्य कर्मचारी और शिक्षक एक बार फिर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। पूर्व में हुई वार्ता के बाद भी सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में पुरानी पेंशन बहाली मंच ने संघर्ष का ऐलान कर दिया है। सोमवार को शिक्षाभवन कार्यालय परिसर में धरना देकर सरकार को चेतावनी दी अगर पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो अब आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों के एक साथ धरना में शामिल होने से सरकारी कार्यालयों में कामकाज बाधित रहा तो स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो सकी। कई और संगठनों ने पेंशन बहाली मंच के विरोध में होने वाले संघर्ष में शामिल होने की घोषणा कर दी है।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर हुई धरना सभा को संबोधित करते हुए मंच जिलाध्यक्ष बृजेश पांडेय ने कहा कि सरकार ने दिसंबर 18 तक निर्णय लेने की घोषणा की थी। लेकिन उसके बाद भी सरकार ने अनसुनी कर दी। मंच संयोजक उमानिवास बाजपेई ने कहा कि इस महासंघर्ष की जिम्मेदार सरकार स्वयं होगी। उन्होंने कहा कि अब चरणबद्ध ढंग से आंदोलन जारी रहेगा। 28 जनवरी को मशाल जुलूस और 6 से 12 फरवरी तक तालाबंदी कर सरकारी काम काज और शिक्षण व्यवस्था ठप कर दी जाएगी। धरना में पहुंचे मिनीस्टीरियल एसोसिएशन अध्यक्ष प्रेम ¨सह ने चेतावनी दी सरकार ने दमनकारी नीति अपनाई तो कर्मचारी संगठन बर्दाश्त नहीं करेंगे। माशिसं अध्यक्ष देवस्वरूप त्रिवेदी, प्राशिसंघ महामंत्री गजेंद्र वर्मा , संजीव संखवार, राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद जिलामंत्री केशव ¨सह, राम ¨सह कनौजिया अमीन संघ के दिलीप अवस्थी, अजय कटियार आदि ने कर्मचारियों से एकजुट रहने का आह्वान किया। धरना सभा का संचालन मंच संयोजक उमानिवास बाजपेई और गजेंद्र वर्मा ने संयुक्त रूप से किया। धरना सभा के बाद मंच संयोजक और जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में हड़ताली कर्मचारी सरकार विरोधी नारेबाजी करते कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां मजिस्ट्रेट को मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र दिया।
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पूर्व सांसद ने दिया समर्थन
- पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को जायज ठहराते हुए कर्मचारियों और शिक्षकों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को कर्मचारियों की जायज मांग पूरी करनी चाहिए। कर्मचारी जो संघर्ष करेंगे हम उनके साथ रहेंगे।