विद्यालयों में जुगाड़ से दूध पी रहे बच्चे
हरदोई: विद्यालयों में बच्चे जुगाड़ से दूध पी रहे हैं। सुनने में भले ही यह कुछ अजीब लग रहा हो लेकिन हो ऐसा ही रहा है। अधिकांश विद्यालयों में दूध वितरण नहीं होता और दैनिक अनुश्रवण प्रणाली में संख्या दर्ज करा दी जाती है। जहां वितरण होता भी है वहां पर कहीं पानी मिला तो कहीं पर खानापूर्ति की जाती है। ऐसा हर सप्ताह होता है। बुधवार को कछौना और हरपालपुर विकास खंड में दैनिक जागरण की रियलटी चेक में ऐसा ही कुछ दिखा। जोकि केवल बानगी है अधिकांश में ऐसा ही हो रहा है।
दृश्य एक
कछौना विकास खंड
समय : 10 बजकर 10 मिनट
स्थान : प्राथमिक विद्यालय पहावां में 70 छात्र मौजूद मिले, कुल नामांकित छात्र 103 बताए गए। पांच लीटर दूध प्रधानाध्यापक कमल किशोर पांडेय द्वारा लाया गया था, जो भगोने में खौलता मिला। विद्यार्थियों ने बताया कि बुधवार को दूध ही नहीं मिला था। ²श्य दो
समय : 10 बजकर 25 मिनट
स्थान : प्राथमिक विद्यालय उचौली में 95 में 67 छात्रों पर छह लीटर दूध लेन की बात प्रधानाध्यापक अशोक कुमार ने बताई। विद्यालय में मरम्मत का कार्य चल रहा था। ²श्य तीन
समय : 10 बजकर 40 मिनट
स्थान : प्राथमिक विद्यालय सूरत खेड़ा में 110 नामांकित छात्रों में 57 छात्र बरामदे में कतारबद्ध फर्श पर बैठे थे। प्रधानाध्यापक विनय कुमार ¨सह ने गर्व से कहा कि चार लीटर दूध आया है देख लो। ²श्य चार
समय : 10 बजकर 55 मिनट
स्थान : प्राथमिक विद्यालय गंगा खेडा में 58 नामांकित छात्रों में महज 23 छात्र धूप में बैठे थे। प्रधानाध्यापक दुर्गेश कुमार ने बताया कि तीन लीटर दूध आया है। छात्र आयुष्मान कार्ड बनवाने अभिभावकों के साथ गए हैं। ²ष्य पांच
समय- 11 बजे
स्थान: हरपालपुर विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय औहदपुर में बच्चों को दूध क्या खाना तक नहीं मिला था। प्रधानाध्यापक ने बताया कि दूध नहीं मिला है, हां खाना बनने की तैयारी हो रही है। ²ष्य छह
समय- 11 बजकर 20 मिनट
स्थान: हरपालपुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय संझारा में बच्चों को दूध नहीं पिलाया गया था। विद्यालय में तहरी बनी थी जोकि बच्चे का रहे थे। बच्चों ने बताया कि बहुत दिन से दूध नहीं मिला। यह है व्यवस्था
विद्यालयों में बुधवार को तहरी के साथ दूध पिलाया जाता है। प्राथमिक स्कूल में प्रति बच्चा 4.35 रुपये और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 6.51 रुपये प्रतिदिन खर्च होते हैं। 100 बच्चों के लिए प्राथमिक में 100 ग्राम दूध के हिसाब से 10 किग्रा चावल, 5 किलोग्राम मौसमी सब्जी, 500 ग्राम तेल या घी और 15 लीटर दूध होना चाहिए। इसी तरह उच्च प्राथमिक विद्यालय में 150 ग्राम प्रति बच्चा दूध के हिसाब से 15 किलो चावल, 7.5 ग्राम सब्जी, 750 ग्राम घी या तेल तथा 20 लीटर दूध होना चाहिए। पर ऐसा नहीं होता केवल खाना पूर्ति होती है। विद्यालयों में दूध वितरण की जांच होती है, जिन विद्यालयों की शिकायत आती है कार्रवाई की जाती है। अब अभियान चलाकर जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी। हेमंत राव, बीएसए
Posted By: Jagran