शिक्षकों को बताई गई प्रभावी शिक्षण की तकनीक
संतकबीर नगर:सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना यह आरंभिक अवस्था में सीखने के चरण होते हैं। शिक्षण को प्रभा...
संतकबीर नगर:सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना यह आरंभिक अवस्था में सीखने के चरण होते हैं। शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए बच्चों में रुचि जागृत करने के लिए शिक्षकों को अनेक प्रकार की गतिविधियां भी करवानी चाहिए। रूचि के बिना ध्यान का केंद्रण नहीं हो सकता है और बिना ध्यान के प्रभावी संप्रेषण नहीं किया जा सकता है।
शनिवार को मेहदावल बीआरसी पर ग्रेडेड लर्निंग कार्यक्रम के तहत चल रहे प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक मो. असजद, गिरिजेश त्रिपाठी, विनोद कुमार प्रसाद और राकेश कुमार ने शिक्षण की नवीन तकनीकों के बारे में बताया। प्रशिक्षकों ने कहा कि भाषा और गधित के आरंभिक ज्ञान की कमी होने से हर कक्षाओं में बच्चा लगातार पिछड़ता चला जाता है। इससे बच्चे के मन में कुंठा का भाव पैदा होने से वह शिक्षा की मुख्य धारा से भागने का प्रयास करता है। ग्रेड आधारित शिक्षण के अंतर्गत हर दिन दो घंटे की विशेष कक्षा का संचालन करके सभी को मूजभूत समझ के स्तर तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना है। इसके लिए विशेष प्रकार की किट भी विकसित की गई है जिसका प्रयोग हर विद्यालय के नोडल शिक्षकों को करना होगा। प्रथम संस्था की अनुराधा चौधरी ने खेल अधारित शिक्षा की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। इस दौरान जय प्रकाश चौरसिया, सर्वेश त्रिपाठी, सोना ¨सह, राजेश कुमार, कल्याणी, निशांत त्रिपाठी समेत अनेक शिक्षक मौजूद रहे। इसी प्रकार सेमरियावां बीआरसी पर भी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।