10 महीनों से धरना दे रहे शिक्षा मित्रों का सब्र टूटा, विधानसभा की ओर जाने से पुलिस ने रोका
शिक्षा मित्रों का धरना - फोटो : amar ujala
प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर बहाल किये जाने की मांग को लेकर बुधवार को विधानसभा जा रहे शिक्षा मित्रों को पुलिस ने रोक लिया। इस पर शिक्षा मित्रों ने सड़क जाम कर हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बल पूर्वक जीपीओ पार्क में भेज दिया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने शिक्षा मित्रों को बसों में भरकर ईको गार्डेन पहुंचा दिया।
शिक्षा मित्र बीते 10 महीनों से आम शिक्षक व शिक्षा मित्र एसोसिएशन के बैनर तले ईको गार्डेन में धरना दे रहे हैं। सरकार की ओर से कोई सुध न लेने पर एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष उमा देवी की अगुवाई में शिक्षा मित्र बुधवार को दारुलशफा पर एकत्र हुए और विधानसभा की ओर कूच कर दिया। पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें भाजपा कार्यालय के गेट के सामने रोका और जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष ले आए। नाराज शिक्षा मित्रों ने सड़क जाम कर हंगामा शुरू कर दिया। काफी समझाने पर प्रदर्शनकारी नहीं माने तो उन्हें बलपूर्वक जीपीओ पार्क के अंदर किया गया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर बसों में भरकर ईको गार्डेन पहुंचा दिया।
इस दौरान एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष उमा देवी ने कहा कि शिक्षा मित्र अपना हक हासिल करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे है। संघर्ष के तहत 101 ब्राह्मण शिक्षा मित्रों ने अपने जनेऊ का त्याग कर दिया। 63 महिलाओं और 450 पुरुष शिक्षा मित्रों ने अपना मुंडन करवाकर विरोध जताया। इसके बावजूद सरकार सिर्फ कोरे आश्वासन दे रही है। शासन ने हाईपावर कमेटी का गठन किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा मित्रों का वेतन 40 हजार से घटाकर 10 हजार रुपये कर दिया और उसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं।