बायोमैट्रिक से रोकेंगे हाजिरी का खेल
जासं, वाराणसी : अब शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए छात्रों को नियमित कक्षाएं करनी होंगी। कक्षाओं में 75 फीसद से कम उपस्थिति होने पर अब छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। वहीं शासन ने उपस्थिति में खेल रोकने के लिए सभी शैक्षिक संस्थाओं से बायोमेटिक मशीन लगवाने का निर्देश दिया है।
समाज कल्याण विभाग के निदेशक जगदीश प्रसाद की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि शासन ने उप्र अनुसूचित जाति/जनजाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना नियमावली में संशोधन कर दिया है। ऐसे में अब शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए बायोमेटिक मशीन द्वारा उपस्थिति ही मान्य होगी। शासन के आदेश के क्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी पीके सिंह ने जनपद के सभी शैक्षिक संस्थाओं को इस आशय का एक परिपत्र भेजा है। बीएचयू, काशी विद्यापीठ व संस्कृत विश्वविद्यालय, तिब्बती संस्थान के उप कुलसचिवों के अलावा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, डीआइओएस, आइटीआइ के प्रधानाचार्यो सहित अन्य संस्थानों को भेजे गए परिपत्र में विद्यार्थियों की उपस्थिति के लिए बायोमेटिक मशीन लगवाने को कहा गया है। बायोमेटिक मशीन लगने से कक्षाओं में 75 फीसद उपस्थिति के मानक का शत-प्रतिशत अनुपालन होने की संभावना बढ़ जाएगी।
बायोमेटिक की राह में कई रोड़ा
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति के लिए बायोमेटिक मशीन लगवाना आसान नहीं है। अध्यापकों का कहना है कि पंजीकृत आठ हजार छात्रों के लिए सौ से अधिक मशीन लगवानी पड़ेगी। इसी प्रकार इंटर कालेजों में बजट का रोड़ा है।