राज्यकर्मियों की हड़ताल पर प्रतिबंध
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली के लिए छह फरवरी से हड़ताल पर जा रहे कर्मचारियों व शिक्षकों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने यूपी एस्मा (उप्र अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम-1966) का अंकुश लगा दिया है। सोमवार शाम मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय के साथ कर्मचारियों की वार्ता विफल होने के बाद देर रात अधिसूचना जारी कर छह महीने तक प्रदेश के सभी सरकारी विभागों, निगमों व प्राधिकरणों में हड़ताल को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश देते हुए पुरानी पेंशन को लेकर कुछ संगठनों द्वारा छह फरवरी से हड़ताल पर जाने की जानकारी दी। उप्र सरकारी कर्मचारियों की आचरण नियमावली-1956 और उप्र सेवा संघों की मान्यता की व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कर्मचारियों व संगठनों को यह जानकारी देने के निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी न तो हड़ताल में शामिल होंगे और न इसमें सहायता करेंगे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धरना-प्रदर्शन व हड़ताल में शामिल होने के कारण कर्मचारी यदि काम न करें तो ‘कार्य नहीं तो वेतन नहीं’ के सिद्धांत के आधार पर उन्हें संबंधित अवधि का वेतन भुगतान न किया जाए। धरना-प्रदर्शन व हड़ताल में शामिल होने के लिए कार्मिकों का अवकाश भी स्वीकृत न करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अत्यावश्यक सुविधाएं बनाए रखने की व्यवस्था करने और अवकाश स्वीकृत न करने के निर्देश दिए हैं। संघों की मान्यता रद करने की चेतावनी दी है।