अब फर्राटेदार अंग्रेगी बोलेंगे प्राइमरी स्कूलों के बच्चे, दस हजार स्कूल होंगे इंग्लिश मीडियम
पांच हजार प्राथमिक स्कूल अंग्रेजी माध्यम से सफलतापूर्वक संचालित करने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग अब अगले शैक्षिक सत्र से प्रदेश में 10 हजार और स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करेगा। ...
लखनऊ, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग अगले शैक्षिक सत्र से प्रदेश में 10 हजार और प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करेगा। फिलहाल विभाग पांच हजार प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित कर रहा हैै। अंग्रेजी माध्यम से संचालित होने वाले स्कूल प्रदेश के हर ब्लॉक में संचालित किये जाएंगे।
अंग्रेजी माध्यम से संचालित होने वाले स्कूलों में तैनाती के लिए शिक्षकों से आवेदन मांगे जाएंगे। शिक्षकों की स्क्रीनिंग और इंटरव्यू के बाद उन्हें इन स्कूलों में तैनाती दी जाएगी।
विभाग का पहला प्रयोग सफल
परिषदीय विद्यालय निजी क्षेत्र के स्कूलों को अपनी जमीन खोते जा रहे हैं। अक्सर यह बात आती थी कि निजी स्कूल अंग्रेजी माध्यम से संचालित होते हैं, इसलिए अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला उनमें कराने के लिए आकर्षित होते हैं। इसी को ध्यान में रखकर बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने पांच हजार प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने का फैसला किया था। विभाग का यह प्रयोग सफल रहा। अंग्रेजी माध्यम से संचालित विद्यालयों में छात्र नामांकन बढ़ा है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने बताया कि इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब अगले सत्र में 10 हजार और प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने की योजना है।
शारदा अभियान से उम्मीदें
स्कूल न जाने वाले और बीच में पढ़ाई छोडऩे वाले बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग इस बार शारदा यानी 'स्कूल हर दिन आयें' अभियान चला रहा है। पहले चरण में एक फरवरी से 30 मार्च तक परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छह से 14 वर्ष तक के उन बच्चों को चिह्नित करेंगे जो स्कूल कभी न गए हों या जिन्होंने बीच में पढ़ाई छोड़ दी हो। ऐसे बच्चों का नये सत्र में एक से 20 अप्रैल तक स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा। दूसरा चरण 21 मई से 30 जून तक चलेगा जिसमें चिह्नित बच्चों का नामांकन 20 जुलाई तक कराया जाएगा। यह अभियान बीते वर्षों में चलाये गए अभियान से इस मायने में अलग है कि इस बार स्कूल में कभी नामांकित न होने वाले और नामांकन के बावजूद लगातार स्कूल में 45 दिन तक अनुपस्थित रहने वाले दोनों श्रेणी के बच्चों को आउट आफ स्कूल माना गया है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्र नामांकन बढ़ाने में इस अभियान के उत्साहजनक परिणाम मिलने की उम्मीद है।