टपक रही छत, करंट मारे दीवार.ये स्कूल है सरकार
प्राथमिक शिक्षा को कॉन्वेंट की तर्ज पर खड़ा करने के सरकार के दावे सच्चाई से कोसों दूर हैं।...
जेएनएन, शाहजहांपुर : प्राथमिक शिक्षा को कॉन्वेंट की तर्ज पर खड़ा करने के सरकार के दावे सच्चाई से कोसों दूर हैं। नौनिहाल विद्यालय कहे जाने वाले जर्जर ढांचों तले शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। तनिक बारिश में छतें टपकने लगीं।
दीवारों में करंट उतर आया। जिले में ऐसे 104 विद्यालय सरकार को यही आईना दिखा रहे हैं। विभागीय अफसर अब बैठक, रिपोर्ट, प्रस्ताव की सरकारी घुड़दौड़ में लग गए।
15 हजार बच्चे खतरे के साये में
जिले में 2292 प्राथमिक और 897 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें से विभिन्न ब्लॉक के 104 स्कूल जर्जर दशा में हैं। विभाग की ही रिपोर्ट के मुताबिक 15 हजार विद्यार्थी इन स्कूलों में पंजीकृत हैं। यानी खतरे के साए में हैं इतने बच्चे। न खंड शिक्षा अधिकारियों को यह खतरे नजर आते हैं न निर्माण के जिला समन्वयक को।
अब प्रधानाध्यापकों से मांगा ब्योरा
कई विद्यालयों में भवनों की खराब स्थिति पता चलने पर बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को विद्यालयों का भौतिक सत्यापन कराना शुरू किया है। शुक्रवार को इसी संबंध में सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर प्रधानाध्यापकों की बैठक बुलाई गई। इनसे स्कूल भवन, कक्ष संख्या छात्र संख्या का ब्योरा लिया। जिले में 104 जर्जर विद्यालय चिह्नित हुए हैं। विद्यालयवार कार्ययोजना बनाकर इनमें नए कक्ष निर्माण के लिए बजट की मांग भेजी जाएगी। सत्यापन के बाद सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
राकेश कुमार, बीएसए फैक्ट फाइल
- 2292 : प्राथमिक विद्यालय
- 897 : उच्च प्राथमिक विद्यालय
- 2.60 : लाख विद्यार्थी पंजीकृत
- 104 : विद्यालय जर्जर
- 15000 : विद्यार्थी जर्जर स्कूलों में पढ़ रहे