जर्जर व्यवस्था में प्राथमिक शिक्षा
लाख प्रयास के बाद भी परिषदीय शिक्षा में सुधार होता नहीं दिख रहा । कई विद्यालय आज भी जर्जर व्यवस्था में संचालित हो रहे हैं ।खेसरहा ब्लाक के ग्राम पंचायत रिऊना मे स्थित प्राथमिक विद्यालय इसकी बानगी है । यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे...
सिद्धार्थनगर : लाख प्रयास के बाद भी परिषदीय शिक्षा में सुधार होता नहीं दिख रहा । कई विद्यालय आज भी जर्जर व्यवस्था में संचालित हो रहे हैं ।खेसरहा ब्लाक के ग्राम पंचायत रिऊना मे स्थित प्राथमिक विद्यालय इसकी बानगी है । यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं ।
विद्यालय का गेट व बाउंड्री छह माह पूर्व ध्वस्त हो चुका है। परिसर बेसहारा पशुओं के लिए गो सदन का काम कर रहा है । इससे पढ़ने वाले बच्चों पर इससे हमेशा खतरा मड़राता है । इसके अलावा जुआरियों के लिए भी यह एक महफूज ठिकाना बना हुआ है। वर्ष 2010-11 में बने इस विद्यालय के जंगले व फर्श भी टूट चुकी है । आश्चर्य यह है की जिम्मेदार इससे पूरी तरह अनजान बने हुए हैं । न तो विभाग को ही इसकी परवाह है, न ग्राम प्रधान व शिक्षा समितियों को । विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे 120 मासूम पानी के नाम पर मीठा जहर पीने को विवश हैं । विधानसभा चुनाव में यहां बूथ होने के कारण एक देशी नल लगवा दिया गया था। मासूमों की प्यास बुझाने का अब यही एक मात्र सहारा था पर वह भी दूषित पानी दे रहा है।
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हम मौके पर जाएंगे। जो भी कमियां हैं, उन्हें ठीक कराया जाएगा। वैसे जिन भी विद्यालयों में बाउंड्रीवाल नहीं है या ध्वस्त हो गई उन सभी की रिपोर्ट मैं उच्चधिकारियों को दिया हूं।
विजय आनंद
बीईओ, खेसरहा