प्रयागराज : भर्तियों पर परीक्षा संस्थाएं भारी, प्रदेश के माध्यमिक व बेसिक शिक्षा महकमे में नियुक्तियों का हाल समझने के लिए यह प्रकरण है बानगी भर
धर्मेश अवस्थी’ प्रयागराज । प्रदेश के माध्यमिक व बेसिक शिक्षा महकमे में नियुक्तियों का हाल समझने के लिए यह प्रकरण बानगी भर हैं। यह हाल तब है जब अगले माह लोकसभा चुनाव का शंखनाद होना है और इसमें रोजगार अहम मुद्दा रहेगा। भर्तियों के लिए लिखित परीक्षा और कॉपियों का मूल्यांकन आदि कार्य पूरा हो चुका है। इसके बाद भी परीक्षा संस्थाएं परिणाम जारी नहीं कर रही हैं। अभ्यर्थी संस्थाओं के सामने धरना दे रहे हैं या फिर शासन में बैठे अफसरों का चक्कर लगाने के मजबूर हैं। निराश होकर अभ्यर्थी परिणाम के लिए अब कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
माध्यमिक शिक्षा के राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए शासन ने नियम बदलकर लिखित परीक्षा का प्रावधान किया। इसमें इंटरव्यू भी नहीं होना है, फिर भी 29 जुलाई को ओएमआर पर हुई परीक्षा का परिणाम रुका है। उप मुख्यमंत्री डा. शर्मा इसका रिजल्ट देने के लिए कई बार दावा भी कर चुके हैं कि जल्द आएगा लेकिन, वह जल्द मुहूर्त कब का है यह स्पष्ट नहीं हो रहा। प्रतियोगी सात बार उप्र लोकसेवा आयोग का घेराव करके परिणाम मांग चुके हैं। आयोग के अध्यक्ष व सचिव भी रिजल्ट न जारी करने की वजह विधिक अड़चन बता रहे हैं। ऐसे ही योगी सरकार की पहली 68500 शिक्षक भर्ती के परिणाम में गड़बड़ियों के आरोप लगे तो मुख्यमंत्री ने खुद कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन कराने का आदेश दिया। ऑनलाइन आवेदन लिए गए, पुनमरूल्यांकन भी हो चुका है लेकिन, परिणाम अटका है। इस मामले में हाईकोर्ट भी दिसंबर में रिजल्ट देने का आदेश दे चुका है, उसका भी अनुपालन नहीं हो सका है। परिषदीय स्कूलों की 69 हजार शिक्षक भर्ती का परिणाम हाईकोर्ट में सुनवाई के कारण लटक गया है। यह भर्ती चुनाव के बाद ही हो पाने की उम्मीद है। इसी तरह चयन बोर्ड में वर्ष 2011 के प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक भर्ती के लिए कई विषयों का साक्षात्कार हो चुका है, उसके भी परिणाम जारी नहीं हो रहे हैं। यही नहीं यूपीपीएससी में पीसीएस 2016 सहित कई भर्तियों के परिणाम रुके हैं।