शिक्षा के मंदिर में गुरूजी पढ़ा रहे 'बालश्रम'
अलापुर : बालश्रम निषेध है और बच्चों से काम कराना भी जुर्म है। ऐसा हर जगह लिखा रहता हैं ताकि कोई बच्चों से काम न कराए लेकिन यह चेतावनी अब कागजों में ही दफन होकर रह गई है। जिस शिक्षा के मंदिर में बच्चों से काम कराना अपराध है ऐसा बच्चों को पढ़ाया जाता है, उसी शिक्षा के मंदिर में बच्चों से मजदूरी करने की पढ़ाई हो रही है। जी हां, यह सच है। अलापुर कस्बे के नवीन प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक स्कूल के समय में बच्चों से कार्य करा रहे हैं। उनका कृत्य उन योजनाओं पर पानी फेर रहा है, जिन पर सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए करोड़ों रुपया खर्च कर रही है।
इससे शिक्षकों की मंशा भी साफ हो रही है कि वह बच्चों के भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है। यही वजह है कि बच्चों को पढ़ाने की बजाय मजदूरों के जैसा व्यवहार किया जा रहा है। बता दें कि अलापुर कस्बे के नवीन प्राथमिक विद्यालय में मिट्टी भरान का कार्य हो रहा है लेकिन यह कार्य मजदूरों से न कराकर स्कूल के समय बच्चों से कराया जा रहा है। बच्चे मिट्टी से भराव का कार्य कर रहे हैं। वहीं अभिभावकों का आरोप है कि यह कार्य बच्चों के मना करने पर डंडे के बल पर कराया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि विद्यालय में बच्चों से अक्सर काम कराया जाता है। शिकायत पर भी सुधार नहीं किया जाता। बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजते हैं न कि काम कराने के लिए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपाल ¨सह राजपूत ने बताया कि शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। फिर भी विद्यालय का निरीक्षण कराकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
Posted By: Jagran