महराजगंज : शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए निकाली गयी अलग-अलग जगहों पर कैंडिल मार्च
महराजगंज । जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए कार आत्मघाती आतंकी हमले में 40 से अधिक वीर जवानों की शहादत पर जहां लोगों की आंखें नम हैं, तो वहीं उनके अंदर गुस्से की आग भी सुलग रही है। लोगों की मांग है कि अब सिर्फ बदला चाहिए। जनपद महराजगंज के नौतनवां विधान सभा क्षेत्र सहित महराजगंज के सभी विधान सभा क्षेत्रों में भी इस गम और गुस्से के बीच शिक्षकों सहित तमाम जन मानस ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कैंडिल मार्च निकाला गया।
आप सबको बताते चलें कि जनपद महराजगंज के विकास क्षेत्र फरेन्दा के हरपुर के जांबाज फौजी पंकज त्रिपाठी जी कल हुए आत्मघाती हमले में शहीद हो गए । जनपद का बच्चा-बच्चा अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बदले की मांग कर रहा है ।
गुरुवार को जिसने भी कायराना आतंकी हमले के बारे में सुना वही गुस्से से भर गया। पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजने लगे। सभी बोले, बदला चाहिए। पाकिस्तान पर हमला किया जाए। आतंकियों को चुन चुनकर मारा जाए। चाहें सीमा पार हों या सीमा के अन्दर आतंकियों के हिमायती बनने वालों को भी करारा जवाब दिया जाए। अब चेतावनी और मात्र शोक प्रकट करने से काम चलने वाला नहीं है।
यहाँ BBC HINDI के हवाले से कुछ जानकारी है जिसे आप सबको समझना भी जरूरी है:
चीन संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद का अकेला ऐसा देश है जो मसूद अज़हर को चरमपंथी घोषित करने के भारत के आवेदन का विरोध करता रहा है.
चीन ने भारत के इस आवेदन पर दो बार विरोध किया है. पहला विरोध छह महीने के लिए था और दूसरी बार विरोध किया तो तीन महीने के लिए ये आवेदन रुक गया.
जिसके बाद अब भारत को नया आवेदन यूएन में पेश करना होगा ताकि पाकिस्तान के रहने वाले मसूद अज़हर को बतौर चरमपंथी संयुक्त राष्ट्र की सूची में शमिल किया जाए.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनईंग ने 30 अक्तूबर, 2017 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ''हम भारत के इस आवेदन पर चीन का पक्ष कई बार विस्तार से बता चुके हैं.''
''सुरक्षा परिषद के 1267 समिति में आतंकवादी संगठनों या किसी शख़्स के लिस्टिंग के मानदंडों के लिए स्पष्ट नियम हैं.''
''चीन हमेशा यह बात समिति में रखता रहा है कि लिस्टिंग के मामले में, 1267 समिति निष्पक्ष और प्रोफ़ेशनल तरीक़े से सिद्धांतों का पालन करे और ठोस सबूतों के आधार पर अन्य सदस्यों के बीच सर्वसम्मति से अपने फ़ैसले करे.''
''अगर हम लिस्टिंग के इस निवेदन की बात करें तो 1267 समिति में इसे लेकर मतभेद हैं. हमने इस प्रस्ताव को इसलिए रोका ताकि समिति को इस पर विचार करने के लिए और सभी पार्टियों को इस पर मशवरा करने का वक़्त मिल सके. हालांकि अब तक इस पर आम सहमति नहीं बन सकी है."
कैंडिल मार्च में जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों में जनता सहित उ0प्र0प्रा0शि0सं0 के सदर अध्यक्ष बीएन सिंह, नौतनवां अध्यक्ष राघवेन्द्र पांडे, लक्ष्मीपुर अध्यक्ष धन प्रकाश त्रिपाठी, मंत्री मनौवर अली, अध्यक्ष अभय दूबे, मंत्री अखिलेश पाठक, संजय मिश्रा, बलराम निगम, कोषाध्यक्ष चन्द्रभान प्रसाद, दयानन्द त्रिपाठी, उमेश दिवाकर, अश्वनी भण्डारी, महेन्द्र यादव, टीएन गोपाल, मंत्री हरिश्चन्द्र चौधरी, श्री भागवत सिंह, अश्वनी कटियार, अशोक, राकेश कुमार बाल्मिकी, वेद प्रकाश, हरप्रीत सिंह, कमलानन शुक्ला, अनुप शुक्ला, विनोद गौतम, शैलेश भारती, रियाज अहमद सहित तमाम लोगों ने प्रतिभाग करते हुए गहरा दु:ख प्रकट किया।