बीएसए के बाबू को शिक्षा माफिया से जान को खतरा
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर: बेसिक शिक्षा विभाग में पटल सहायक पद पर कार्यरत राकेश मणि त्रिपाठी को एक शिक्षा माफिया से जान को खतरा है। इस बाबू की रिपोर्ट पर जनपद में फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी लेने वाले 52 शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। 12 अन्य पर कार्रवाई होने वाली है। इसके इतर 28 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस दी गई है।
वैसे तो काफी दिनों से शिक्षा माफिया को एसटीएफ ढूंढ रही है। लेकिन विभागीय साठगांठ से वह निलंबित होकर फरार चल रहा है। देवरिया जनपद स्थित एक गांव के पांच शिक्षक फर्जीवाड़ा में बर्खास्त हो चुके हैं। इसमें शिक्षा माफिया का भाई भी बताया जा रहा है। इस कार्रवाई से आहत शिक्षा माफिया अब बदला लेने पर तुला हुआ है। यदि शासन-प्रशासन ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया तो किसी बड़ी घटना से इन्कार भी नहीं किया जा सकता।
संबंधित बाबू राकेश मणि ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र देते हुए सुरक्षा की मांग की है। मामले से शासन को भी अवगत कराया है। पटल सहायक का कहना है कि उक्त निलंबित शिक्षक फर्जी शिक्षकों के भर्ती का मास्टर माइंड है। उसके द्वारा कराए गए कई फर्जी शिक्षकों को अब तक बर्खास्त कर दिया गया है। इसी बात से नाराज होकर उसने एक महिला से मेरे ऊपर देवरिया जिले में फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है। पत्र में अपने और परिवार के ऊपर जान का खतरा बताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। पत्र में बाबू ने कहा है कि वह विभागीय दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन कर रहे हैं। जिससे चिढ़ कर माफिया ने मुकदमा कायम कराया है। जबकि आज तक उक्त महिला न तो हमसे मिली है और न ही उसने नौकरी के लिए विभाग में आवेदन ही किया है। 1बीएसए राम सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति मेरे समय का नहीं है। संबंधित पटल सहायक ने जांच कर कई मामले पकड़े हैं। उसने बताया है कि इस कार्रवाई को लेकर उसे धमकी दी जा रही है। उसे जान को खतरा है। इससे शासन-प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। डीएम कुणाल सिल्कू ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में बीएसए ने लाया था। प्रकरण गंभीर है। इससे शासन को अवगत करा दिया गया है।
शिक्षा माफिया को ढूंढ रही एसटीएफ, चल रहा फरार
बाबू ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांगा न्याय
पटल सहायक की रिपोर्ट पर 52 फर्जी शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त