स्कूलों में होंगे क्रीड़ांगन, तभी मिलेगी मान्यता
सुलतानपुर: अब आठवीं कक्षा तक निजी स्कूलों में क्रीडांगन अनिवार्य कर दिए गए हैं। किसी भी व्यक्तियों के समूह व एसोसिएशन को लाभ पहुंचाने के लिए स्कूल संचालित नहीं किए जा सकेंगे। शासन के विशेष सचिव ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए पत्र भेजा है।
निजी क्षेत्रों में स्कूल खोलकर पैसा कमाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शासन के विशेष सचिव देव प्रताप सिंह की ओर से बेसिक शिक्षा निदेशक को जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि नए सत्र से नए स्कूलों की मान्यता के लिए आवेदन करने वालों को साफ तौर पर बता दिया जाये कि लाभ लेने के लिए कोई भी स्कूल संचालित नहीं हो सकेगा। वित्तीय संसाधन संबंधित विद्यालय के प्रबंध तत्र के पास पर्याप्त होने चाहिए। शिक्षक भी शासन के मानकों के अनुसार योग्यता प्राप्त हों। राष्ट्रीय गीत ओर राष्ट्रगान के गायन की व्यवस्था की जाये। क्रीडांगन हर एक स्कूल में जरूरी है। बगैर उसके स्कूल नहीं चलाए जा सकेंगे। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर तक की कक्षाएं भी बेसिक शिक्षा परिषद के मानक के साथ-साथ पुस्तकालय, वाचनालय तो रहेंगे ही, शौचालय भी शिक्षक-शिक्षिकाओं व छात्र-छात्राओं के पृथक-पृथक होने चाहिए। बीएसए केके सिंह ने कहा कि एक अप्रैल से नए विद्यालयों की मान्यता के लिए आवेदन पत्र स्वीकार किए जाएंगे। मान्यता समिति की देखरेख में प्रक्रिया पूरी की जाएगी