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मिर्जापुर : दाई के सहारे संचालित हो रहा बरईपुरखास प्राथमिक विद्यालय

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दाई के सहारे संचालित हो रहा बरईपुरखास प्राथमिक विद्यालय


पटेहरा (मीरजापुर) : स्थानीय विकास खंड के दर्जनों प्राथमिक विद्यालय एक-एक सहायक अ...

जागरण संवाददाता, पटेहरा (मीरजापुर) : स्थानीय विकास खंड के दर्जनों प्राथमिक विद्यालय एक-एक सहायक अध्यापक, अध्यापक व शिक्षामित्र के सहारे संचालित हो रहा है। वही एक ही अध्यापक के कारण उनके अवकाश पर चले जाने पर बच्चों को शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाता है। जिसके कारण बच्चे एमडीएम का खिचड़ी खाकर घरों को चले जाते है। ऐसे में मासूमों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर प्राथमिक विद्यालय बरईपुरखास का हाल देखा जा सकता है। जहां मास्टर साहब अक्सर गायब रहते है और दाईयों के सहारे स्कूल चलाया जाता है।

बरईपुर प्राथमिक विद्यालय में एक सहायक अध्यापक व दो दाई की तैनाती है। आए दिन सुबह दाई स्कूल का ताला खोलती है और उसके बाद बच्चे आने शुरु हो जाते है। जब मास्टर साहब नहीं आते है तो इस दौरान बच्चे खेलते रहते है। वही आरोप है कि सहायक अध्यापक सप्ताह में चार दिन ही विद्यालय आते है शेष दिनों में दोनों दाई स्कूल चलाती है। इसकी शिकायत गांव के एक अभिभावक ने अध्यापक के गायब होने की खंड शिक्षा अधिकारी को दूरभाष पर की तो उन्होंने दूसरे विद्यालय से एक शिक्षक को भेजने की बात कही। हालांकि जहां के अभिभावक जागरूक नहीं है वहां के विद्यालय का हाल तो बेहाल ही है। कक्षाएं चलती है पांच, अध्यापक एक

क्षेत्र के अधिकतर प्राथमिक विद्यालयों में एक से लेकर कक्षा पांच तक की कक्षाएं होती है लेकिन अध्यापक की तैनाती एक-एक है। ऐसे में अध्यापक विद्यालय पर नहीं आ सके तो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। जिसके कारण अभिभावक अब सरकारी विद्यालयों से अपने बच्चों का नाम कटवाकर निजी विद्यालयों में दाखिला कराने को विवश हो रहे है। ---------------------वर्जन

अध्यापक ही विकास खंड में कम है ज्यादातर अध्यापक नियुक्ति के बाद अपने गृह जनपद में तैनाती करा कर चले जाते है। कई विद्यालयों में अध्यापक की कमी है। रही बात बरईपुर खास विद्यालय की तो वहां पर तैनात अध्यापक के छुट्टी जाने पर उनकी जगह किसी दूसरे विद्यालय से अध्यापक को जानकारी होने पर भेज दिया जाता है। राममिलन यादव, बीईओ पटेहरा।

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