एनपीएस में हीलाहवाली पर जिम्मेदारों को चेताया
सीतापुर : अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा 20 फरवरी को वीडियो कांफ्रेंसिग से की गई समीक्षा के बाद विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह ने निर्देशों के अनुपालन के संबंध में अधिकारियों को कार्यवृत्ति जारी कर दी है। इसमें स्पष्ट है कि, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में 15 मार्च तक प्रत्येक कार्मिक का फार्म भरवाकर प्रान आवंटन हो जाना चाहिए। मार्च की कटौती अनिवार्य रूप से हो, अन्यथा की स्थिति में बीएसए, बीईओ और वित्त एवं लेखाधिकारी को वेतन रोकते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
एनपीएस के लिए शासन सख्ती बरत रहा है, लेकिन यहां शून्य की स्थिति है। एनपीएस के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों की कोई बैठक तक नहीं हुई है। हालांकि वित्त एवं लेखाधिकारी सत्येंद्र पाल बताते हैं कि शुरूआती दौर में एक बार विकास भवन सभागार में एनपीएस के संबंध में बैठक हुई थी। इसके बाद उन्होंने (वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा) अपने स्तर पर एक बार और बैठक ही है। एनपीएस मामले में जिम्मेदारों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है। एनपीएस सिस्टम लागू होने से अब तक बेसिक शिक्षा में सिर्फ 261 शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन में एनपीएस की कटौती पिछले जनवरी महीने से हुई है, जबकि जिले में इनकी संख्या 9,725 है। सत्येंद्र पाल का कहना है कि शिक्षक प्रान नंबर के लिए फार्म ही नहीं भर रहे हैं ये बात उन्हें खंड शिक्षा अधिकारी बताते हैं। फिलहाल शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को किसी तरह से समझा-बुझाकर प्रान नंबर के लिए फॉर्म भराए जा रहे हैं। इस तरह अब तक 4,645 शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के फॉर्म भर गए हैं और 3,006 लोगों के प्रान नंबर भी आवंटित हो गए हैं। इस मामले में बीएसए अजय कुमार कोई माकूल जवाब नहीं देते हैं।