लखनऊ : बीएसए ने किया गबन, एसी थर्ड में सफर कर एसी टू का किराया वसूला, गाड़ी किराए पर लेने में किया हेरा-फेरी
राब्यू, लखनऊ : शासन ने सुलतानपुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कौस्तुभ कुमार सिंह को मुजफ्फरनगर का बीएसए रहते की गईं गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ अनुशासनिक जांच करने का फैसला किया गया है। निलंबन अवधि में वह बेसिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।
मुजफ्फरनगर में बीएसए रहते हुए कौस्तुभ कुमार सिंह ने मुजफ्फरनगर से लखनऊ तक लगातार पांच रेल यात्रएं एसी तृतीय श्रेणी में की लेकिन, हर बार यात्र भत्ता द्वितीय श्रेणी का प्राप्त किया। जानबूझ कर ज्यादा धनराशि आहरित करने के इस मामले को शासन ने धोखाधड़ी का आपराधिक कृत्य माना है। इतना ही नहीं, उन्होंने जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर से मौखिक अनुमति लेकर सड़क मार्ग से काठमांडू तक विदेश यात्र को बतौर एलटीसी प्रदर्शित किया। उन्होंने यात्र भत्ता के फर्जी बिल बनाकर प्रस्तुत किये और रुपये 36050 की धनराशि का भुगतान हासिल किया। नियमों के तहत न तो जिलाधिकारी को यह एलटीसी स्वीकृत करने का अधिकार है और न ही कौस्तुभ एलटीसी के हकदार थे क्योंकि तब उनकी सेवा मात्र दो वर्ष की हुई थी।
उन्होंने न सिर्फ फर्जी बिल पेश कर सरकारी धन का गबन किया बल्कि गलत सूचना देकर सात दिन तक मुजफ्फरनगर से गायब रहे जो गलतबयानी कर ड्यूटी से जानबूझ कर अनुपस्थित रहने की श्रेणी में आता है।
उनके खिलाफ एक और मामला बना। उन्होंने फर्जी कोटेशन लेकर कथित रूप से मेसर्स मिलन कार सर्विस से किराये पर गाड़ी ली और 2.88 लाख रुपये का खर्च दिखाया।
हकीकत में इस फर्म से कोई वाहन किराये पर नहीं लिया गया और न ही फर्म की ओर से कोई कोटेशन दिया गया। वाहन कथित रूप से ड्राइवर के साथ किराये पर लिया गया जबकि विभागीय कर्मचारी से वाहन चलवाया गया। वाहन किराये पर लेते समय भी किसी सरकारी नियम का पालन नहीं किया गया और न ही टेंडर की प्रक्रिया अपनायी गई। उनके खिलाफ व्यक्तिगत यात्र को सरकारी दिखाकर भुगतान करने तथा शिक्षकों को निलंबित करने और फिर पैसे का लेन-देन कर बहाल करने के आरोप भी हैं।