बजट भरपूर, स्कूल की बदहाली नहीं हुई दूर
चित्र परिचय संवादसूत्र श्रीदत्तगंज (बलरामपुर) ऑपरेशन कायाकल्प योजना के तहत गांवों में बने सरकारी भवनों का सुंदरीकरण होना था लेकिन ग्राम प्रधानों के लापरवाही के चलते परिषदीय स्कूलों की सूरत नहीं बदल सकी है। महज खानापूर्ति कर सरकारी खजाने को डकार गए हैं। क्षेत्र के त्रिगुनायतपुर ग्राम पंचायत में परिषदीय विद्यालय की सूरत जस की तस बनी हुई है। गांव में बना उच्च प्राथमिक विद्यालय की खिड़कियां गायब हैं। भवन का फर्श टूटा हुआ भवन की फर्श उजड़ गई है। बाउंड्रीवाल न होने से परिसर में गंदगी की भरमार रहती है। ग्राम निधि में कायाकल्प के लिए भरपूर बजट है।...
बलरामपुर : ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों की सूरत बदलने के नाम पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है, लेकिन विद्यालयों की बदहाली दूर होने का नाम नहीं ले रही है। क्षेत्र के त्रिगुनायतपुर ग्राम पंचायत में बने उच्च प्राथमिक विद्यालय को आज भी सुंदरीकरण की दरकार है। विद्यालय की खिड़कियां गायब हैं। भवन की फर्श उजड़ गई है। बाउंड्रीवाल न होने से परिसर में गंदगी की भरमार रहती है। ग्राम निधि में कायाकल्प के लिए भरपूर बजट है। यही नहीं, बेसिक शिक्षा विभाग ने कंपोजिट स्कूल ग्रांट के तहत भी धनराशि एसएमसी के खाते में भेजी है। बावजूद इसके ग्राम प्रधान व शिक्षकों की लापरवाही से स्कूल की सूरत नहीं बदल सकी है। सूत्र की मानें तो विद्यालय के शिक्षक सत्र खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। जिससे कंपोजिट स्कूल ग्रांट से मिले बजट को कागजों पर खर्च किया जा सके। प्रधान रामप्रसाद ने बताया कि एक विद्यालय का कार्य पूरा हो गया है। दूसरे में कार्य चल रहा है। बजट की कमी होने से सभी स्कूलों का कायाकल्प नहीं हो सका है। बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि जांच कराई जाएगी। कंपोजिट स्कूल ग्रांट से खर्च की जाने वाली धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र देना होगा।