जब स्कूल ही बदहाल तो कैसे हो पठन-पाठन
सुलतानपुर: विकास खंड के बालमपुर, हनुमानगंज व शुकुलपुर के उच्च प्रावि बदहाली की हालत में हैं। विद्यालयों के फर्श, छत, खिड़की, दरवाजे, निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। ऐसे में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है और जिम्मेदार ध्यान भी नहीं दे रहे हैं।
बालमपुर जूनियर विद्यालय में कुल तीन शिक्षक व 66 बच्चे पंजीकृत हैं। स्कूल के दो कमरों की फर्श टूटी हुई है, जिसके चलते बच्चे बरामदे में बैठकर शिक्षण कार्य करने को मजबूर हैं। विद्यालय में न तो बिजली है और न ही बाउंड्रीवाल है। आवारा पशुओं के जमावड़े से पढाई बाधित होती है। खिड़कियां व मुख्य दरवाजा भी खराब हो गया। उच्च प्रावि शुकुलपुर का भी यही हाल है। जिसमें रसोई घर खुले में है और खिड़की दरवाजा गायब है। यहां तीन शिक्षक व कुल 36 बच्चे अध्ययनरत हैं। हनुमानगंज जूनियर विद्यालय की दशा भी कुछ ज्यादा ठीक नही है। यहां भी दरवाजे व खिड़कियां टूट चुकी हैं। छत से पानी टपकता है। बाउंड्रीवाल गिरकर खत्म हो गयी है शौचालय निष्प्रयोज्य है। पूर्व के बीईओ संजय यादव ने तो इसे सबसे खराब विद्यालयों की लिस्ट में डाल दिया था। निरीक्षण में खामियों पर मिली नोटिस
भदैंया के खंड शिक्षाधिकारी अश्वनी सिंह ने बताया की एबीआरसी के निरीक्षण में अव्यवस्था व खामियां मिलने तथा छात्रों की उपस्थिति मानक के अनुरूप न मिलने से नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। विद्यालयों को व्यवस्थाओं में सुधार लाने की मोहलत दी गई है