चुनाव ड्यूटी कटवाने में ‘झूठ’ पड़ेगा भारी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए झूठ बोलना भारी पड़ेगा। अति गंभीर बीमारी का हवाला देने वाले यदि जांच में ठीक मिले तो गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए आवेदन करने वालों की मेडिकल बोर्ड से जांच कराने का आदेश दिया है। यदि कर्मचारी वाकई मतदान या मतगणना कराने के अयोग्य मिलेगा तभी बोर्ड ड्यूटी कटवाने की संस्तुति करेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो जांच का सामना करना पड़ेगा।
पांच डॉक्टर होंगे शामिल
पुरुष कर्मचारियों की जांच के लिए गठित मेडिकल बोर्ड में फिजीशियन, सर्जन, हड्डी के डॉक्टर व नेत्र रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे। यदि कर्मचारी महिला है तो स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ को भी बोर्ड में रखा जाएगा। यदि कर्मचारी डायबिटीज बता रहा है तो ब्लड सुगर की रैंडम जांच के साथ अन्य जांच भी होगी। हार्ट का मरीज बताने पर ईसीजी और अन्य जांचें कराई जाएंगी। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि चुनाव में लगी ड्यूटी से मुक्ति के लिए आवेदन करने वाले सभी कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच मेडिकल बोर्ड बनाकर की जाएगी। बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर ही जिला निर्वाचन अधिकारी के पास संस्तुति भेजी जाएगी।1’>>बीमारी का हवाला देने वालों का मेडिकल बोर्ड करेगा जांच1’>>बोर्ड की संस्तुति पर ही जिला निर्वाचन अधिकारी काट सकेंगे ड्यूटी
50 से ज्यादा आ चुके हैं आवेदन
चुनाव ड्यूटी कटवाने को प्रशासन के पास 50 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। मेडिकल बोर्ड इन आवेदकों की पुरानी मेडिकल हिस्ट्री की भी पड़ताल करेगा। देखा जाएगा कि मर्ज क्या है और मरीज कितने दिनों से पीड़ित हैं। साथ ही जो दवा खाते हैं, उसका असर कितना है। मरीज को बीपी है और वह जो दवा खाते हैं, उसका कोई असर नहीं हो रहा है तो बोर्ड ठीक से इलाज की सुझाव भी देगा।