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गोरखपुर : परीक्षा समाप्त, नहीं आया उत्तर पुस्तिका खरीदने का बजट

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परीक्षा समाप्त, नहीं आया उत्तर पुस्तिका खरीदने का बजट

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में वार्षिक परीक्षा तो समाप्त हो गई, लेकिन अभी तक विभाग ने उत्तर पुस्तिका खरीदने का बजट नहीं दिया है। शिक्षकों ने अपने पास से बजट की व्यवस्था कर परीक्षा संपन्न कराई।

वार्षिक परीक्षा कराने के लिए विभाग ने प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए, लेकिन उत्तर पुस्तिका का पैसा नहीं दिया। शिक्षकों को अपनी व्यवस्था से परीक्षा कराने को कहा गया। विभाग ने जल्द ही भुगतान का आश्वासन दिया था।

शिक्षकों का फंसा करीब 45 लाख रुपये : परीक्षा कराने में जिले के शिक्षकों का करीब 45 लाख रुपये फंस गया है। नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि एक प्राथमिक विद्यालय में परीक्षा के दौरान न्यूनतम करीब 1500 रुपये का खर्च शिक्षक को करना पड़ा है। बच्चों की संख्या के आधार पर यह राशि बढ़ भी सकती है। इस प्रकार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में मिलाकर करीब 45 लाख रुपये शिक्षकों के फंसे हैं।

शासन से नहीं मिला है धन : रिपोर्ट कार्ड व प्रश्नपत्र के मद में तो धन मिल गया, लेकिन शासन से उत्तर पुस्तिकाओं के मद में धन नहीं मिल सका है। शिक्षकों को इस बात का डर है कि मार्च बीत जाने के बाद अगले वित्तीय वर्ष में कहीं उनका पैसा डूब न जाए। विभाग को उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक पैसा आ सकता है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में वार्षिक परीक्षा तो समाप्त हो गई, लेकिन अभी तक विभाग ने उत्तर पुस्तिका खरीदने का बजट नहीं दिया है। शिक्षकों ने अपने पास से बजट की व्यवस्था कर परीक्षा संपन्न कराई।

वार्षिक परीक्षा कराने के लिए विभाग ने प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए, लेकिन उत्तर पुस्तिका का पैसा नहीं दिया। शिक्षकों को अपनी व्यवस्था से परीक्षा कराने को कहा गया। विभाग ने जल्द ही भुगतान का आश्वासन दिया था।

शिक्षकों का फंसा करीब 45 लाख रुपये : परीक्षा कराने में जिले के शिक्षकों का करीब 45 लाख रुपये फंस गया है। नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि एक प्राथमिक विद्यालय में परीक्षा के दौरान न्यूनतम करीब 1500 रुपये का खर्च शिक्षक को करना पड़ा है। बच्चों की संख्या के आधार पर यह राशि बढ़ भी सकती है। इस प्रकार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में मिलाकर करीब 45 लाख रुपये शिक्षकों के फंसे हैं।

शासन से नहीं मिला है धन : रिपोर्ट कार्ड व प्रश्नपत्र के मद में तो धन मिल गया, लेकिन शासन से उत्तर पुस्तिकाओं के मद में धन नहीं मिल सका है। शिक्षकों को इस बात का डर है कि मार्च बीत जाने के बाद अगले वित्तीय वर्ष में कहीं उनका पैसा डूब न जाए। विभाग को उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक पैसा आ सकता है।उत्तर पुस्तिकाओं के लिए अभी पैसा नहीं मिल सका है। शासन से जैसे ही पैसा आएगा, खातों में भेज दिया जाएगा। पहले से मौजूद कुछ धन भेजने की तैयारी चल रही है।
  - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए

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