नए सत्र में फर्जी विद्यालयों के जाल में फंस रहे अभिभावक
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जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : नया शिक्षा सत्र शुरु होते नए विद्यालयों की बाढ़ सी आ गई है। भारी भरकम प्रवेश शुल्क से लेकर अन्य शुल्क के नाम पर अभिभावकों का शोषण शुरु हो गया है। इन विद्यालयों के संचालकों ने शिक्षा के स्तर को गिरा कर रख दिया है। इनके द्वारा छात्र संख्या बढ़ाने के लिए गांवों में एजेंटो की तैनाती की गई है। पांच एडमिशन देने पर उनके बच्चों को फ्री में पढ़ाने का लालच दिया गया है। कुछ एजेंट तो कमीशन पर गांवों में छात्रों की तलाश कर रहे हैं। इन विद्यालयों के शिक्षक घूम-घूम कर छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के साथ साथ नवोदय आदि की प्रतियोगी परीक्षा में पास कराने की गारंटी भी दे रहे हैं।
ऐसे लोग खुद तो इंटर, बीए पास हैं, स्वयं का भविष्य तो संवार नहीं सके लेकिन औरों के भविष्य को संवारने का लालीपाप दे रहे हैं। ऐसे विद्यालयों के शिक्षकों का कोई स्थाई ठौर नही हैं। कभी इस विद्यालय में तो कभी उस विद्यालय में चले जाते है। कुछ विद्यालयों के संचालक तो ऐसे हैं जिनके पास न तो अपनी भूमि है, न भवन। वे अपनी चलती-फिरती शिक्षा की दुकान खोल देते हैं। कतिपय विद्यालय तो फ्रेंचाइजी के नाम पर संचालित हो रहे हैं।
इस संबंध में खंड शिक्षाधिकारी लालजी शर्मा का कहना है कि चलती फिरती शिक्षा की दुकानों की जांच की जाएगी। यदि गड़बड़ी मिली तो संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही होगी। शिक्षा में फ्रेंचाइजी का कोई प्रावधान नहीं है।