प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों को बजट तो मिल गया पर बाजार में किताबें नहीं, कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने लिखकर दिया नहीं मिल रहीं किताबें
प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के कौशल विकास के लिए विद्यालयों में पुस्तकालय (लाइब्रेरी) स्थापित करने और पुस्तकें खरीदने के लिए बजट मिल गया है। लेकिन जो किताबें तय की गई हैं, उसमें से ज्यादातर बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। नगर क्षेत्र के 48 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने लिखकर दिया है कि ये किताबें बाजार में नहीं मिल रही हैं, जिससे पुस्तकालय स्थापित नहीं हो सके हैं।
गुणवत्ता शिक्षा कार्यक्रम के तहत परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकालय स्थापित करने के लिए 31 जनवरी को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से खंड शिक्षाधिकारियों (बीईओ) को पत्र जारी किए गए थे। जिसमें पुस्तकों के रख-रखाव एवं पुस्तकालय के संचालन के संबंध में भी विस्तृत दिशा-निर्देश थे। राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान की ओर से इसके लिए जिले के प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों को 5000, जूनियर विद्यालयों को 10000 और कंपोजिट विद्यालयों को 13000 रुपये के हिसाब से फरवरी में धनराशि स्वीकृति की गई। उसी समय यह धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है।
पुस्तकालयों में किताबें नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी), एनसीईआरटी और राजकीय प्रकाशन की ही रखी जानी हैं। खंड शिक्षाधिकारी (नगर) ज्योति शुक्ला बताती हैं कि बैठक में 45 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने लिखित दिया है कि ये किताबें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं।