रामनगर स्कूल के मास्टर साहब और छात्र हाईटेक
अंबेडकरनगर : प्राथमिक विद्यालय रामनगर (प्रथम) कॉन्वेंट स्कूलों को मात देने लगा है। यहां के मास्टर साहब से लेकर छात्र हाईटेक संसाधनों का इस्तेमाल पढ़ाई में करने लगे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे भले ही इंग्लिश मीडियम विद्यालय का दर्जा नहीं दिया, बावजूद इसके खुद के प्रयासों से प्रधानाध्यापक ने यहां के बच्चों को चहुमुखी निखारना शुरू कर दिया है। यहां के बच्चे इंग्लिश की पढ़ाई पढ़ रहे हैं। निजी विद्यालयों के सापेक्ष सीमित संसाधनों के बीच भी यहां बेहतर प्रतिभाओं को निखारने की लगातार कवायद जारी है। यह सब संभव हो पाया यहां कार्यरत प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश यादव के भगीरथ प्रयासों की बदौलत।
करीब तीन साल पहले अमेठी से स्थानांतरित होकर ओमप्रकाश यादव ने यहां आए तो फिजां में बदलाव की बयार बहने लगी। निजी खर्च से विद्यालय का रंगरोगन कराने के साथ ही यहां पढ़ने वाले नौनिहालों को बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की। ठंड बढ़ी तो बच्चों के सिर पर ऊनी टोपी देने के साथ ही निजी स्कूलों की तरह ही अंग्रेजी की पढाई को प्राथमिकता में रखा। माहौल बदला तो कार्यरत अन्य शिक्षकों ने सहयोग में हाथ बढ़ाया। पढाई के साथ यहां के बच्चों में कलात्मक प्रतिभा का भी विकास होने लगा। अवसर विशेष पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर बच्चे सार्थक बदलाव के लिए पहले से ही ख्याति पा चुके हैं। बीते दिनों विद्यालय परिसर में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में अपने द्वारा निर्मित विभिन्न उपकरणों का प्रदर्शन कर यह साबित कर दिया कि उचित मार्ग दर्शन मिले तो हम भी किसी से कम नहीं है। प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश ने प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई के लिए सोंचा ओर इसे यहां साकार कर दिया। अब यहां प्रोजेक्टर से भी पढ़ाई शुरू हो चुकी है। इससे पढने वाले बच्चों में उत्साह तो है ही सहयोगी शिक्षकों सहायक अध्यापक वीरेंद्र कुमार व नीलम सहित शिक्षामित्र मालती यादव, जंग बहादुर मौर्य तथा आशा कहती हैं । यहां शिक्षण कार्य करना अब अच्छा लगने लगा है। प्रधानाध्यापक कहते हैं उनके विद्यालय के बच्चों में छिपी प्रतिभाओं को निखारने का प्रयास रहता है। इसके लिए संसाधनों की कमी रोड़ा नहीं बनेगी।