सोशल मीडिया पर फर्जी खाते बने चुनौती
कौशल त्रिपाठी ’ महराजगंज 1लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया पर छिड़ा संग्राम चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया है। राजनीतिक दलों के समर्थन व विरोध में जबरदस्त माहौल बनाया जा रहा है। लगभग सभी दलों ने सोशल मीडिया पर प्रचार को अहमियत दी है। चुनाव आयोग ने इस होड़ को देखते हुए अंकुश के मापदंड जरूर तय किए हैं, लेकिन प्रशासन के सामने असली और नकली खाते की पहचान करना कठिन हो गया है। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि फेसबुक, ट्विटर आदि का बाहरी देशों में सर्वर होने से सही खातों की जानकारी समय से हासिल करना आसान नहीं है। आमतौर पर कर्कश तरीके से विरोधियों पर प्रहार करने के लिए छद्म खातों का सहारा लिया जा रहा है। कई मामले इस तरह से सामने आए पर असली व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी, क्योंकि फर्जी खाता धारकों से निपटने की अभी तक कोई कारगर रणनीति नहीं बन पाई है। चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के सोशल मीडिया खातों की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारियों से मांगी है , लेकिन फर्जी खातों से प्रचार प्रसार पर रोक का कोई कारगर तरीका न होने का लाभ उठाया जा रहा है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले देश में फेसबुक का इस्तेमाल करने वालों की तादाद अब दो गुना से भी ज्यादा हो गई है। फेसबुक व अन्य माध्यमों पर सक्रिय 30 साल से कम उम्र के वोटरों को प्रभावित कर रहा है। अपर जिला मजिस्ट्रेट कुंज बिहारी अग्रवाल का कहना है कि सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम गठित की गई है जो सोशल मीडिया पर चल रहे प्रचार की निगरानी कर रही है।कौशल त्रिपाठी ’ महराजगंज 1लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया पर छिड़ा संग्राम चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया है। राजनीतिक दलों के समर्थन व विरोध में जबरदस्त माहौल बनाया जा रहा है। लगभग सभी दलों ने सोशल मीडिया पर प्रचार को अहमियत दी है। चुनाव आयोग ने इस होड़ को देखते हुए अंकुश के मापदंड जरूर तय किए हैं, लेकिन प्रशासन के सामने असली और नकली खाते की पहचान करना कठिन हो गया है। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि फेसबुक, ट्विटर आदि का बाहरी देशों में सर्वर होने से सही खातों की जानकारी समय से हासिल करना आसान नहीं है। आमतौर पर कर्कश तरीके से विरोधियों पर प्रहार करने के लिए छद्म खातों का सहारा लिया जा रहा है। कई मामले इस तरह से सामने आए पर असली व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी, क्योंकि फर्जी खाता धारकों से निपटने की अभी तक कोई कारगर रणनीति नहीं बन पाई है। चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के सोशल मीडिया खातों की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारियों से मांगी है , लेकिन फर्जी खातों से प्रचार प्रसार पर रोक का कोई कारगर तरीका न होने का लाभ उठाया जा रहा है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले देश में फेसबुक का इस्तेमाल करने वालों की तादाद अब दो गुना से भी ज्यादा हो गई है। फेसबुक व अन्य माध्यमों पर सक्रिय 30 साल से कम उम्र के वोटरों को प्रभावित कर रहा है। अपर जिला मजिस्ट्रेट कुंज बिहारी अग्रवाल का कहना है कि सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम गठित की गई है जो सोशल मीडिया पर चल रहे प्रचार की निगरानी कर रही है।तीन पुलिस कर्मियों पर सपा के पक्ष में प्रचार का आरोप, जांच के आदेश1पनियरा क्षेत्र के ग्राम सभा महुअवा निवासी प्रह्लाद ने सदर सर्किल के एक थाने पर तैनात सिपाही सुनील यादव, सूर्यभान यादव समेत तीन पुलिस कर्मियों पर सपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने का आरोप लगाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारी को जांच कराने के निर्देश दिए हैं। आयोग के निर्देश पर जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने पुलिस अधीक्षक को जांच सौंपी है।