विभागीय उदासीनता से बदहाल हैं आंगनबाड़ी भवन
जागरण संवाददाता, आनंदनगर , महराजगंज: बृजमनगंज विकास खंड के 66 ग्रामसभाओं के पंजीकृत 10938 शिशुओं के शारीरिक विकास के लिए लगभग 200 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं । जिसके माध्यम से सरकार द्वारा छह माह से तीन वर्ष के शिशुओं के शारीरिक विकास के लिए महीने में 25 दिन पौष्टिक आहार वितरण करने का मानक तय किया गया है। 1साथ ही साथ गर्भवती महिलाओं को भी महीने में एक बार पौष्टिक आहार दिए जाने का आदेश है । क्षेत्र में 190 कार्यकर्ता व 185 सहायिकाओं को नौनिहालों में पौष्टिक आहार वितरण करने की जिम्मेदारी मिली है। गांवों में नौनिहालों को शिक्षा व स्वास्थ्य से जोड़ने के लिए चलाई जा रही बाल विकास परियोजना सिर्फ आंकड़ों का खेल बनकर रह गई है। क्षेत्र के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र या तो बंद रहते हैं या कुछ खुलते तो हैं, लेकिन बच्चों का पता नहीं रहता। क्षेत्र के ग्रामसभा नयनसर में लाखों रुपये के लागत से आंगनबाड़ी केंद्र का भवन वर्ष 2013-14 में बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन अब तक विभाग को नहीं सौंपा गया। जबकि भवन के बगल में स्थित प्राथमिक विद्यालय में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रहा है। फुलमनहा, पृथ्वीपालगढ़, मिश्रौलिया, महुआरी, बहदुरी, लालपुर, काश्तखैरा सहित लगभग 25 ग्राम पंचायतों में तो आंगनबाड़ी केंद्र ही नहीं है। खंड विकास अधिकारी डा. रणजीत सिंह ने बताया कि इस वित्तीय सत्र में 13 नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। पूर्व में बने केंद्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनकी व्यवस्था को सही किया जाएगा। 1प्रभारी सीडीपीओ ने कहा: प्रभारी सीडीपीओ सावित्री देवी ने बताया कि वर्ष 2008-09 में बने चार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जबकि उसके बाद से बने केंद्र अभी तक विभाग को सौंपा नहीं गया। इसलिए नजदीकी परिषदीय विद्यालय से अटैच कर संचालित किया जा रहा है।जागरण संवाददाता, आनंदनगर , महराजगंज: बृजमनगंज विकास खंड के 66 ग्रामसभाओं के पंजीकृत 10938 शिशुओं के शारीरिक विकास के लिए लगभग 200 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं । जिसके माध्यम से सरकार द्वारा छह माह से तीन वर्ष के शिशुओं के शारीरिक विकास के लिए महीने में 25 दिन पौष्टिक आहार वितरण करने का मानक तय किया गया है। 1साथ ही साथ गर्भवती महिलाओं को भी महीने में एक बार पौष्टिक आहार दिए जाने का आदेश है । क्षेत्र में 190 कार्यकर्ता व 185 सहायिकाओं को नौनिहालों में पौष्टिक आहार वितरण करने की जिम्मेदारी मिली है। गांवों में नौनिहालों को शिक्षा व स्वास्थ्य से जोड़ने के लिए चलाई जा रही बाल विकास परियोजना सिर्फ आंकड़ों का खेल बनकर रह गई है। क्षेत्र के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र या तो बंद रहते हैं या कुछ खुलते तो हैं, लेकिन बच्चों का पता नहीं रहता। क्षेत्र के ग्रामसभा नयनसर में लाखों रुपये के लागत से आंगनबाड़ी केंद्र का भवन वर्ष 2013-14 में बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन अब तक विभाग को नहीं सौंपा गया। जबकि भवन के बगल में स्थित प्राथमिक विद्यालय में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रहा है। फुलमनहा, पृथ्वीपालगढ़, मिश्रौलिया, महुआरी, बहदुरी, लालपुर, काश्तखैरा सहित लगभग 25 ग्राम पंचायतों में तो आंगनबाड़ी केंद्र ही नहीं है। खंड विकास अधिकारी डा. रणजीत सिंह ने बताया कि इस वित्तीय सत्र में 13 नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। पूर्व में बने केंद्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनकी व्यवस्था को सही किया जाएगा। 1प्रभारी सीडीपीओ ने कहा: प्रभारी सीडीपीओ सावित्री देवी ने बताया कि वर्ष 2008-09 में बने चार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जबकि उसके बाद से बने केंद्र अभी तक विभाग को सौंपा नहीं गया। इसलिए नजदीकी परिषदीय विद्यालय से अटैच कर संचालित किया जा रहा है।बदहाल आंगनबाड़ी कें द्र ’ जागरण