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बलरामपुर : गुम हुआ फरमान, स्कूल बने दुकान

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गुम हुआ फरमान, स्कूल बने दुकान


संवादसूत्र बलरामपुर नवीन शिक्षा सत्र का आगाज होते ही निजी स्कूल संचालकों की लॉटरी लग गई है। परिषदीय स्कूलों की भांति मांटेसरी स्कूलों में भी एनसीईआरटी किताबों के संचालन का फरमान बेमानी साबित हो रहा है। लगभग सभी स्कूलों में बच्चों पर निजी प्रकाशकों की पुस्तकें थोपी जा रहीं हैं। जो ज्यादातर स्कूलों से ही मुहैया कराई जाती है। यही नहीं विद्यालय संचालक यूनिफार्म टाई-बेल्ट जूते-मोजे रुमाल व स्टेशनरी का सामान भी स्कूल से ही उपलब्ध कराते हैं। इसके बदले अभिभावकों से मोटी रकम वसूल की जाती है। ऐसे में इंग्लिश मीडियम में बच्चों को आधुनिक शिक्षा दिलाने की चाह रखने वाले अभिभावक विद्यालय संचालकों की मनमानी के आगे बेबस नजर आ रहे हैं।...

बलरामपुर : नवीन शिक्षा सत्र का आगाज होते ही निजी स्कूल संचालकों की लॉटरी लग गई है। परिषदीय स्कूलों की भांति मांटेसरी स्कूलों में भी एनसीईआरटी किताबों के संचालन का फरमान बेमानी साबित हो रहा है। लगभग सभी स्कूलों में बच्चों पर निजी प्रकाशकों की पुस्तकें थोपी जा रहीं हैं। जो ज्यादातर स्कूलों से ही मुहैया कराई जाती है। यही नहीं, विद्यालय संचालक यूनिफार्म, टाई-बेल्ट, जूते-मोजे, रुमाल व स्टेशनरी का सामान भी स्कूल से ही उपलब्ध कराते हैं। इसके बदले अभिभावकों से मोटी रकम वसूल की जाती है। ऐसे में इंग्लिश मीडियम में बच्चों को आधुनिक शिक्षा दिलाने की चाह रखने वाले अभिभावक विद्यालय संचालकों की मनमानी के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। प्ले स्कूल की आई बाढ़ :

-नगर क्षेत्र में प्ले ग्रुप के स्कूलों की बाढ़ आ गई है। लगभग सभी मुहल्लों में छोटे-बड़े अंग्रेजी मीडियम प्ले स्कूल खुले हुए हैं। जिनमें से अधिकांश बिना मान्यता के ही चल रहे हैं। इन स्कूलों में प्री-नर्सरी व नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चों की कॉपी-किताब करीब डेढ़ से ढाई हजार रुपये में मिलती है। नगर के पहलवारा, सिविल लाइन, खलवा, नई बस्ती, धुसाह, तुलसीपार्क, अस्पताल वार्ड, बलुहा, भगवतीगंज, धर्मपुर समेत अन्य मुहल्लों में चल रहे स्कूलों में नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए ढाई से तीन सौ रुपये के अक्षर ज्ञान की किताब चलाई जाती है। जबकि प्री-नर्सरी में बच्चे को सिर्फ खेलकूद व टीएलएम से शिक्षा मिलनी चाहिए। अधिकांश संचालक स्कूल में ही यूनीफार्म, टाई-बेल्ट, जूता-मोजा व स्टेशनरी देते हैं। जिसकी कीमत दो से ढाई हजार रुपये वसूल की जाती है।

क्या कहते हैं अधिकारी :

-बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि अभियान चलाकर स्कूलों की जांच कराई जाएगी। नियमों के विपरीत गतिविधियां मिलने पर विद्यालय संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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