हापुड़ :
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों का टोटा
स्कूल चलो अभियान सहित अन्य कई योजनाओं को चलाकर सरकारें परिषदीय स्कूलों की हालत सुधारने में लगी है लेकिन बिना गुरू के कैसे बच्चे एकलव्य बनेंगे। पिलखुवा नगर क्षेत्र में सात परिषदीय स्कूल है। जिनमें करीब 729 विद्यार्थी है। जिन्हें शिक्षा देने का जिम्मा चार शिक्षकों और चार शिक्षक मित्र पर हैं। हालात यह है कि शिवाजी नगर में एक बिल्डिग में तीन स्कूल चल रहे है और शिक्षक के नाम पर मात्र एक शिक्षक मित्र है।...
संजीव वर्मा, पिलखुवा:
स्कूल चलो अभियान सहित अन्य कई योजनाओं को चलाकर सरकारें परिषदीय स्कूलों की हालत सुधारने में लगी है, लेकिन बिना गुरु के कैसे बच्चे एकलव्य बनेंगे। पिलखुवा नगर क्षेत्र में सात परिषदीय स्कूल हैं, जिनमें करीब 729 विद्यार्थी हैं। जिन्हें शिक्षा देने का जिम्मा चार शिक्षकों और चार शिक्षक मित्र पर हैं। हालात यह है कि शिवाजी नगर में एक बिल्डिंग में तीन स्कूल चल रहे हैं और शिक्षक के नाम पर मात्र एक शिक्षक मित्र है।
जहां एक ओर प्राइवेट सेक्टर में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की भरमार हैं। वहीं परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के लिए विद्यार्थी तरस रहे हैं। नगर क्षेत्र में पांच प्राइमरी और दो जूनियर हाईस्कूल है। जिनमें एक बालिका जूनियर हाईस्कूल शामिल है। मंगलवार को दैनिक जागरण टीम ने परिषदीय स्कूलों का जायजा लिया तो शिक्षकों का अभाव नजर आया। गढ़ी मोहल्ले में स्कूल की बिल्डिग जर्जर होने के कारण शिवाजी नगर कॉलोनी स्थित एक बिल्डिग में तीन स्कूल संचालित हैं। जिनमें प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूल बालक और बालिका शामिल है। तीन स्कूलों का जिम्मा एक शिक्षक मित्र के हवाले हैं।
प्राइमरी स्कूल में बच्चों की संख्या 78, बालिका जूनियर हाईस्कूल में 28 और जूनियर हाईस्कूल बालक में 35 विद्यार्थी है। 141 विद्यार्थियों को मात्र एक शिक्षक मित्र पढ़ा रहा है। ऐसे हालात अन्य स्कूल में देखने को मिले। जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक और शिक्षक के नाम पर प्रधानाध्यापक या शिक्षक मित्र मिलें। अशोक नगर स्थित प्राइमरी स्कूल में बच्चों की संख्या 156 थी। प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक मित्र की नियुक्ति है। गढ़ी मोहल्ले के प्राइमरी स्कूल में 57 विद्यार्थियों पर एक प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक मित्र है। जवाहर बाजार के प्राइमरी स्कूल के बच्चों की संख्या 152 है। एक प्रधानाध्यापक पर जिम्मेदारी है।
मंडी तिराहा स्थित प्राइमरी स्कूल में बच्चों की संख्या 223 देखने को मिली और शिक्षक के नाम पर मात्र एक प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक मित्र है। बता दें कि नियमानुसार चालीस विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की नियुक्ति होनी चाहिए। जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सकेंगे। लेकिन, नगरीय क्षेत्र में इस नियम की अनदेखी की जा रही है। एक शिक्षक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि शिक्षकों का अभाव होने की जानकारी विभाग के आलाधिकारियों को है, लेकिन कई साल से शिक्षक की नई भर्ती नहीं हो सकी है। वर्तमान में तैनात शिक्षकों को समय पर वेतन तक नहीं मिल रहा हैं। आर्थिक हालात से जूझकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
---------
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर क्षेत्र के नाम पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती है। ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण नगर क्षेत्र में किया जाता है। स्थानांतरण शासन स्तर से होता है। पिछले वर्ष भी नगर क्षेत्र में शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए शासन को पत्र भेजा गया था। इस बार फिर से पत्र भेजा जाएगा।--देवेंद्र गुप्ता जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी