मतदेय स्थलों पर रातभर मच्छरों से परेशान रहे मतदानकर्मी
जासं, मैनपुरी: शाम के सात बजकर 15 मिनट हुए हैं। मैनपुरी से 18 किमी दूर कुरावली का पोलिग बूथ। मतदान अधिकारी चुनाव पूर्व की तैयारियों में जुटे हैं। कमरों में और बाहर घुप अंधेरा छाया था। एक मतदान अधिकारी चिल्लाते हैं-बहुत मच्छर हैं..ये तो सुबह तक खून चूस लेंगे। तभी दूसरे कमरे से पुलिसकर्मी ने आवाज लगाई। लो भाई, क्वाइल आ गई। यह सुनते ही सभी ने राहत की सांस ली।
पोलिग बूथों पर मौजूद पीठासीन अधिकारी, चुनावकर्मी और पुलिस-होमगार्ड के जवान सोमवार को इसी तरह की समस्याओं से जूझते मिले। कुरावली के प्राथमिक विद्यालय में दो बूथ बनाए गए हैं। यहां पोलिग पार्टी सोमवार दोपहर 2.30 बजे पहुंच गई थीं लेकिन उनके ठहरने की व्यवस्था रात सवा सात बजे तक भी नहीं हो सकी। बूथ संख्या 315 में तीन गद्दे कुर्सियों पर पड़े थे। कमरे में न लाइट की व्यवस्था और न ही पीने के लिए पानी की।
पूछने पर एक मतदान अधिकारी ने बताया कि गद्दे तो यहां मिल गए लेकिन चादर घर से लाए हैं। बगल के कक्ष में बूथ संख्या 317 पर मौजूद मतदान अधिकारी तैयारियों में व्यस्त थे। व्यवस्थाओं पर पूछते ही बोले, गद्दे और चादर अभी हमारे कक्ष में नहीं आई हैं। कमरे में पंखा भी नहीं है, गर्मी में हालत खराब है। अगले कक्ष में बिस्तर लगे हुए थे, जिन पर पुलिस-होमगार्ड के जवान आराम की मुद्रा में थे। देखते ही बोले, लाइट व्यवस्था होनी चाहिए थी, बहुत अंधेरा है। सुरक्षा का भी सवाल है। अंधेरे में कौन खड़ा है, दिखाई नहीं देता है। अन्य कमरों में पंखे नहीं हैं। मोबाइल की टार्च बनी सहारा
विद्यालय परिसर में हैंडपंप है लेकिन परिसर में छाए अंधेरे के बीच हैंडपंप तक पहुंचना आसान नहीं है। ऐसे में मोबाइल की टार्च की रोशनी सहारा बनी। हैंडपंप पर दो बाल्टी की व्यवस्था की गई है।