बीएड में मिलेगा सामान्य वर्ग को 10 फीसद आरक्षण
जासं, बरेली : उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभ पर शासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। इसी साल 12 जनवरी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय की आरक्षण से जुड़ी अधिसूचना का जिक्र करते हुए इसके अनुपालन का निर्देश दिया है। संयुक्त सचिव श्रवण कुमार की ओर से जारी आदेश की कॉपी एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में पहुंचते ही आरक्षण फिर चर्चा में आ गया है। इसलिए क्योंकि बीएड प्रवेश परीक्षा से जुड़े अधिकारियों का तर्क है कि मौजूदा सीटों पर 10 फीसद आरक्षण नहीं मिल सकता। इसके लिए विवि-कॉलेजों में 10 फीसद अतिरिक्त सीटें बढ़ानी होंगी।
शासन से मांगी थी सलाह : रुविवि प्रशासन ने बीएड में सामान्य वर्ग के आरक्षण के संबंध में शासन से सलाह मांगी थी। प्रवेश परीक्षा आवेदन, परीक्षा तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई थी। रिजल्ट जारी करने की बारी आई तो फिर विवि ने शासन को पत्र भेजा। शासनादेश के मुताबिक निजी, राजकीय-एडेड शिक्षण संस्थानों के प्रवेश में सामान्य वर्ग के गरीब विद्यार्थियों को आरक्षण दिया जाए। गरीबी की जो शर्ते भारत सरकार ने तय की हैं, वही रहेंगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय की अधिसूचना की कॉपी भी भेजी गई है। इसके मुताबिक शिक्षण संस्थान हर ब्रांच में तय वार्षिक सीट की संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत की व्यवस्था के बाद सीटों की संख्या में वृद्धि करेंगे। प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में सीट बढ़ोतरी नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के आदेश पर ही होगी। प्रोफेसर बताते हैं कि शासन और एनसीटीई के बीच जरूर कोई वार्ता हुई होगी। तभी आरक्षण का आदेश जारी हुआ है।