50 फीसद वीवीपैट पर्चियों के मिलाने पर अगले हफ्ते सुनवाई
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : विपक्षी दलों की 50 फीसद वीवीपैट पर्चियों को ईवीएम से मिलाए जाने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह विचार करेगा। सुप्रीम कोर्ट के आठ अप्रैल के फैसले के खिलाफ 21 विपक्षी दलों ने यह पुनर्विचार याचिका दाखिल किया है। 1कोर्ट ने आठ अप्रैल के अपने फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में एक ईवीएम को वीवीपैट पर्ची से मिलाए जाने के बजाए पांच ईवीएम को वीवीपैट पर्ची से मिलाने का आदेश दिया था। 1विपक्षी दलों की ओर से शुक्रवार को पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पुनर्विचार याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर जल्दी सुनवाई का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म होने वाले हैं और 23 मई को मतगणना है ऐसे में अगर याचिका पर जल्दी सुनवाई नहीं होगी तो यह महत्वहीन हो जाएगी। उन्होंने कोर्ट से पुनर्विचार याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करने का अनुरोध किया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। 1आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और कांग्रेस सहित कुल 21 विपक्षी दलों ने अपनी पुनर्विचार याचिका में कहा है कि ईवीएम से वीवीपैट का मिलान एक के बजाए पांच ईवीएम प्रति विधानसभा करने से यह मात्र दो फीसद ही बढ़ा है। सिर्फ दो फीसद बढ़ने से कोई असर नहीं होगा। उनके हक में फैसला आने के बावजूद उनकी शिकायत खत्म नहीं हुई है। एक ठीकठाक संख्या में ईवीएम का वीवीपैट पर्ची से मिलान होना चाहिए ताकि चुनावी प्रक्रिया में लोगों का भरोसा कायम रहे। इसके लिए पचास फीसद ईवीएम का वीवीपैट पर्चियों से मिलान होना चाहिए। 1हालांकि पिछली बार ही चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों की मांग का विरोध किया था। आयोग का कहना था कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है ऐसे में मांग के अनुरूप पचास फीसद वीवीपैट का मिलान करना संभव नहीं होगा। इससे चुनाव परिणाम घोषित होने में छह से नौ दिनों का वक्त लग सकता है साथ ही बहुत सारे कर्मचारी और चाहिए होंगे। इसके बाद ही कोर्ट ने हर विधानसभा क्षेत्र में पांच का वीवीपैट से मिलान कराए जाने का आदेश दिया था और कहा था कि इससे अतिरिक्त दबाव नहीं आएगा। कोर्ट ने यह भी कहा था कि वीवीपैट के मिलान के लिए ईवीएम का चुनाव औचक होगा।